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पर्दाफाश: विभिन्न विभागों में फर्जी सरकारी नियुक्तियां देकर कई लोगों से ऐंठी लाखों की रकम
- पुलिस उपायुक्त मदने के हस्तक्षेप से तीन साल बाद मामला दर्ज
- नामी स्कूल का प्रिंसिपल और एक सरकारी कर्मचारी शामिल
- ट्यूशन क्लास की आड़ में फर्जीवाड़ा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। ट्यूशन क्लास की आड़ में लाखों रुपए लेकर सरकारी विभागों में फर्जी नियुक्तियां देने के गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है। इस प्रकरण में एक नामी स्कूल का प्रधानाचार्य और सरकारी विभाग का एक कर्मचारी भी लिप्त है। मुख्य आरोपी का भाई शहर पुलिस दल में अधिकारी है। शिकायत करने पर झूठे मामले में पीड़ितों को फंसाने की धमकी दी जाती थी। आखिर काफी मशक्कत के बाद सदर थाने में तीन वर्ष बाद प्रकरण दर्ज किया गया है।
झांसा देकर युवक से की ठगी : मुख्य आरोपी अमित गणेश शिंगुवार, टेलर लाइन, सदर छावनी निवासी है। उसका ट्यूशन क्लास व ड्राय फ्रूट्स का कारोबार है। फर्जी नौकरी दिलाने के इस गिरोह में उसका साथी एक नामी स्कूल का प्रधानाचार्य और सरकारी विभाग का एक कर्मचारी शामिल है। इस प्रकरण में पीड़ित निर्मल विधानी (31), परतवाड़ा, जिला अमरावती, वर्तमान में पुणे निवासी ने बताया कि, धीरज नामक परिचित व्यक्ति के जरीए वर्ष 2017 में उसकी पहचान आरोपी अमित से हुई। औपचारिक बातचीत के दौरान अमित ने बताया था कि, उसकी सरकारी विभाग में बड़े अधिकारियों से जान-पहचान है। वह आसानी से किसी को भी सरकारी नौकरी लगा सकता है। पहले भी कई लोगों को नौकरी लगा चुका है, लेकिन उसके लिए लाखों रुपए का खर्च बताया था।
वेकोलि में नौकरी के बदले मांगे 10 लाख : झांसे में आकर निर्मल भी अमित को वेकाेलि में नौकरी लगाने के बदले में 10 लाख रुपए देने के लिए तैयार हो गया। बारी-बारी उसने नकदी और ऑनलाइन सुरेंद्र रामकृष्ण तेलंग, रोहित, विहार रामटेके नामक व्यक्तियों के विविध बैंक खातों में अमित के कहने पर रकम ट्रांसफर की। मेडिकल कराने के नाम पर अमित, निर्मल को छत्तीसगढ़ के शहडोल में निजी वाहन से ले गया। उसके बाद नियुक्ति पत्र के लिए दिल्ली भेजा।
सहायक पुलिस निरीक्षक आरोपी का भाई है : ठगे जाने का एहसास होने पर निर्मल ने अमित से रुपए वापस मांगे, तो अमित उसे धमकाने लगा। अमित का रिश्ते में भाई शहर पुलिस विभाग में सहायक निरीक्षक है, अमित, निर्मल पर उसके नाम की धौंस जमाने लगा। जब शिकायत थाने पहुंची, तो उस अधिकारी ने थाने में फोन कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास िकया। पीड़ित निर्मल पर सदर पुलिस भी समझौता करने के लिए दबाव बनाती रही, लेकिन जब इस मामले में उपायुक्त राहुल मदने ने हस्तक्षेप किया, तो पुलिस को प्रकरण दर्ज करना पड़ा।
पुलिस अधिकारी ने आरोपी के साथ चाय पी, पर गिरफ्तार नहीं किया : गुरुवार को आरोपी अमित को थाने बुलाया गया था। संबंधित पुलिस अधिकारी ने थाने के बाहर टपरी पर आरोपी अमित के साथ चाय पी, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि अमित, पीड़ित को यह कहकर धमकाने लगा कि, शिकायत करने के बाद भी पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। गौरतलब है कि, जब पुलिस ने आरोपी को बुलाया, तो वह मर्सिडीज कार से आया था। इस मौके पर पीड़ित निर्मल भी मौजूद था।
Created On :   22 Jun 2024 4:44 PM IST