- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- मेट्रोमोनी साइट पर बोगस प्रोफाइल...
तफ्तीश: मेट्रोमोनी साइट पर बोगस प्रोफाइल बनाकर ठगी करने वाला नाइजीरियन सहित 3 गिरफ्तार
- 40.64 लाख रुपए की ठगी का मामला
- पुलिस ने दिल्ली से किया गिरफ्तार
- आरोपियों के सभी बैंक खातों की जानकारी हासिल करने में जुटी पुलिस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक नाइजीरियन ठग सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों ने मेट्रोमोनी साइट पर महिला की प्रोफाइल बनाकर एक व्यक्ति से 40.64 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। गिरफ्तार आरोपी कॉलिंस वेलेंटाइन अमेची (42), वसंतकुंज दिल्ली, सुशील राजेंद्र नागर (31), जहांगीरपुरा, दिल्ली और विशाल हरीश कुमार (33) का समावेश है। इन आरोपियों को शहर की साइबर पुलिस ने ढाई साल बाद दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। गिरोह का मुखिया कॉलिंस ही है। वह अलग-अलग लोगों के नाम पर बैंक खाते खुलवाता है और ठगी की रकम में कमीशन देता है। पुलिस आरोपियों के सभी बैंक खातों की जानकारी हासिल करने में जुटी है। पुलिस को संदेह है मेट्रोमोनी साइटकि, आरोपियों ने इसी तरह और भी लोगों को ठगी की है।
यह है मामला : पुलिस के अनुसार मनीष नगर निवासी सुनील देऊलवार ने गत 10 जुलाई 2021 को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि, उनके भाई सुशील ने शादी के लिए भारत मेट्रीमोनी साइट पर अपना प्रोफाइल अपलोड किया था। सुचित्रा दास नामक महिला के नाम पर आरोपियों ने सुशील से संपर्क किया। दोनों के बीच शादी को लेकर चर्चा के बाद आरोपियों ने सुशील को ग्रीन लाइट ट्रांसवर्ल्ड कुरियर, न्यू जर्सी से 70.94 लाख रुपए का पार्सल भेजने के बारे में जानकारी दी और उन्हें पार्सल दिल्ली एयरपोर्ट से छुड़ाने की बात की। सुशील को आरोपियों ने बताया कि, पार्सल एयरपोर्ट पर पहुंचा है। उसे कस्टम विभाग ने रोक लिया है। कस्टम ड्यूटी नहीं भरने पर दोगुनी रकम देनी पड़ेगी। आरोपियों ने सुशील से पहले 1 लाख यूएस डॉलर मांगे। विभिन्न शुल्क व कस्टम डयूटी के नाम पर उनसे एनईएफटी, यूपीआई, आरटीजीएस और चेक के जरिए 40.64 लाख रुपए लिए गए। पार्सल नहीं मिलने पर सुशील को ठगी का एहसास हुआ और इस बारे में शिकायत की। साइबर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर बैंक खातों की स्टेटमेंट हासिल किया।
आरोपी के नाम पर खोला था खाता : आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग के उपायुक्त अर्चित चांडक के मार्गदर्शन में कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस थाना साइबर के वरिष्ठ निरीक्षक अमित डोलस ने एक दल तैयार कर आरोपियों की खोजबीन में भेजा था। यह दल वापस लौट आया था। इसके बाद अमित डोलस ने खुद छानबीन की तो पता चला कि, आरोपी सुशील नागर के नाम पर खाता खोला गया था। डोलस सहयोगियों के साथ दिल्ली रवाना हुए। सुशील नागर को दिल्ली से धरदबोचा। नागर ने पूछताछ में बता दिया कि, वह विशाल के कहने पर खाता खोला था। पुलिस ने विशाल को पकड़ा, तो नाइजीरियन नागरिक आरोपी कॉलिंस के बारे में जानकारी सामने आई। तीनों आरोपियों को नागपुर साइबर पुलिस, दिल्ली से गिरफ्तार कर नागपुर लाई। न्यायालय ने तीनों आरोपियों को 2 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अमित डोलस, एएसआई दत्तात्रय निवाने, सिपाही अजय पवार, योगेश काकड़ और सुशील ने दिल्ली जाकर की।
एक अन्य गिरोह का सदस्य राजस्थान से पकड़ाया : खुद को शहर पुलिस आयुक्त का दोस्त बताकर आयुक्तालय से सेवानिवृत्त हुए प्रमुख लिपिक के साथ ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह के सदस्य को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपी रुकमुद्दीन सहबुद्दीन (28) अलवर, राजस्थान निवासी है। यह मामला गिरीपेठ निवासी विनोद कडू की शिकायत पर साइबर पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस ने रुकमुद्दीन के साथी सुरेंद्र प्रीतम सिंह (28), तौफिक खान फतेह खान (25) और संपतराम बंसीलाल प्रजापति (33) को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। विनोद कड़ू शहर पुलिस आयुक्तालय में प्रमुख लिपिक थे। उक्त आरोपियों ने उन्हें शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के नाम से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर कडू के साथ चैटिंग की और खुद को पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार का दोस्त बताने वाले संतोष कुमार ने उन्हें सीआरपीएफ का अधिकारी होने की जानकारी देकर ठगी की। दरअसल, खुद को पुलिस आयुक्त का दोस्त बताने वाले ने कडू से कहा कि, उसका होने ट्रांसफर के कारण घर का उपयोगी सामान सस्ते दाम में बेचना है। कडू उसके झांसे में आ गए। इसके बाद उन्हें कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट, मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के नाम पर बिल भेजा गया। इसके बाद उनके खाते में 81,000 रुपए ट्रांसफर करवाए गए। पैसे देने के बाद उन्हें सामान नहीं मिला, तो ठगी का एहसास हुआ। पुलिस ने कडू की शिकायत मिलने पर तुरंत जानकारी लेकर आरोपी के बैंक खाते में 1.23 लाख रुपए फ्रीज करवाए। इसके बाद तकनीकी जांच और विश्लेषण करने पर रुकमुद्दीन की भूमिका सामने आई। साइबर पुलिस की टीम ने उसे राजस्थान के अलवर से धरदबोचा।
Created On :   2 Feb 2024 1:08 PM IST