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चुनावी तैयारी: संघ की प्रतिनिधि सभा मार्च में, लोकसभा चुनाव की रणनीति को मिलेगा अंतिम रूप
- संघ व भाजपा की समन्वय बैठक, फडणवीस, बावनकुले ने लगाई हाजिरी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रतिनिधि सभा में भेंट दे सकते हैं
- मार्च में होने वाली सभा में भाजपा अध्यक्ष नड्डा सहित अन्य संगठनों के प्रमुख नेता हाेंगे शामिल
रघुनाथसिंह लोधी , नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उससे जुड़े संगठनों की समन्वय बैठक हुई। सोमवार को रेशमबाग स्थित हेडगेवार स्मृति भवन में बैठक में संघ विदर्भ प्रांत के अलावा पश्चिम क्षेत्र के पदाधिकारी शामिल थे। बैठक में भाजपा की आेर से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी हाजिरी लगाई। इस मामले में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा है कि यह संघ-संगठनों की नियमित बैठक थी। वहीं अन्य पदाधिकारी ने कहा है कि प्रतिनिधि सभा की तैयारी को लेकर बैठक हुई। संघ की प्रतिनिधि सभा मार्च में नागपुर में होगी। उसमें भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा शामिल होंगे। लोकसभा चुनाव की तैयारी के तहत किसी कार्यक्रम में विदर्भ क्षेत्र में आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रतिनिधि सभा में भेंट दे सकते हैं।
सर्वे रिपोर्ट पर चर्चा : संघ ने सहयोगी संगठनों के माध्यम से लोकसभा क्षेत्र स्तर पर सर्वे कराया है। विधानसभा चुनावों में संघ के सर्वे सबसे सटीक रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के मुख्यमंत्री चयन के मामले में भी उन रिपोर्ट्स को महत्व दिया गया। संघ के 36 संगठनों में राष्ट्र सेविका समिति, वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भाजपा किसान संघ, िवद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ, संस्कार भारती, सेवा भारती, अखिल भारतीय साहित्य परिषद शामिल है। संघ संगठनों की अलग अलग प्रांतों की बैठकें ली जा रही हैं। चुनाव तैयारी के तहत भाजपा के साथ समन्वय पर भी जोर दिया जाता है। 14 सितंबर 2023 को पुणे में बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत व भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा शामिल हुए थे। उससे पहले नागपुर के ही अत्रे ले-आउट स्थित मेघे कॉलेज परिसर में संघ व भाजपा की समन्वय बैठक हुई थी। सोमवार को हुई बैठक में पश्चिम क्षेत्र के पदाधिकारी थे। संघ के संगठन मामले में पश्चिम क्षेत्र में विदर्भ, गोवा, गुजरात व पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत आते हैं। गठबंधन की राजनीति के वर्तमान परिणाम व दीर्घकालीन प्रभाव के बारे में भी चर्चा की गई।
उचित मौका : संघ की प्रति वर्ष होनेवाली प्रतिनिधि सभा में संघ कार्य ही नहीं, बल्कि भाजपा की राजनीतिक दिशा के बारे में भी नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं। पहले यह सभा नागपुर में ही होती थी। 1988 में पहली बार गुजरात में हुई। उसके बाद अलग अलग क्षेत्रों में यह सभा होने लगी है। लेकिन 2 वर्ष बाद नागपुर में यह सभा अनिवार्य तौर से होती है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी का आगाज नागपुर में स्थापना दिन कार्यक्रम के माध्यम से किया है। लिहाजा भाजपा भी प्रतिनिधि सभा के माध्यम से नागपुर से अपनी नई राजनीतिक दिशा का आगाज कर सकती है। महाराष्ट्र में आरक्षण का विषय सबसे अधिक चर्चा में है। कांग्रेस ने जाति जनगणना के विषय के साथ आरक्षण के विषय को गर्माने का प्रयास किया है। ऐसे में भाजपा नागपुर से ही आरक्षण के विषय पर अपनी नई भूमिका को व्यक्त कर सकती है। संघ संगठनों ने लोकसभा क्षेत्र स्तर पर राजनीतिक व सामाजिक स्थिति का सर्वे कराया है, साथ ही रिपोर्ट तैयार की है। विदर्भ व महाराष्ट्र में उन सीटों पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा जहां भाजपा की स्थिति ठीक नहीं मानी जा रही है।
Created On :   16 Jan 2024 6:25 AM GMT