चितनीय: 5 साल में मनपा के 45 स्कूल बंद, हर साल 20 करोड़ से अधिक खर्च, दिखता नहीं

5 साल में मनपा के 45 स्कूल बंद, हर साल 20 करोड़ से अधिक खर्च, दिखता नहीं
  • न तो प्रणाली में कोई सुधार, न ही नजर आ रही कहीं पहल
  • लगातार विद्यार्थी संख्या में कमी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महानगरपालिका प्रशासन की ओर से तमाम प्रयासों के बाद भी शिक्षा की स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। पिछले पांच सालों में मनपा की 45 स्कूलों को बंद करना पड़ा है। विद्यार्थियों की कमी और संसाधनों के अभाव के कारण यह स्थिति आई। प्रतिवर्ष मनपा की ओर से करीब 20 करोड़ से अधिक निधि शिक्षा विभाग पर खर्च की जाती है।

प्रशासन का दावा

प्रशासन का दावा है कि स्कूलों में बुनियादी सुविधा और बेहतर शिक्षा प्रणाली को क्रियान्वित करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी स्कूलों को बंद होने से नहीं रोक पाएं हैं।

सदन में उठा मुद्दा

मनपा स्कूलों की अवस्था और व्यवस्था को लेकर विधानपरिषद सदस्य प्रवीण दटके ने विधानपरिषद में भी मुद्दा उठाया। इस दौरान मनपा की ओर से आधिकारिक रूप से 45 स्कूलों के बंद होने की जानकारी दी गई।

2019-20 में माध्यमिक स्कूलों में 7141 अौर प्राथमिक स्कूलों में 8209 विद्यार्थी थे।

2020-21 में प्राथमिक स्कूल में 8574 और माध्यमिक स्कूल में 6391 विद्यार्थी रहे।

2021-2022 में प्राथमिक स्कूल में 9087 और माध्यमिक स्कूल में 6205 विद्यार्थी।

अनदेखी महत्वपूर्ण कारण

मनपा के स्कूलों में इमारत के बुरे हाल बने रहने के साथ खेल मैदान, विज्ञान प्रयोगशाला, कक्षाओं के बुरे हाल, शौचालय और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की अनदेखी होती रही है। इतना ही नहीं, गर्मी के दिनों में स्कूलों की दुरूस्ती के कामों में अनियमितता के साथ ही शिक्षकों की शिक्षादान में अनदेखी महत्वपूर्ण कारक साबित होती रही हैं।

कान्वेंट की ओर कदम : प्रशासन की ओर से हरसंभव प्रयास करने का दावा होता रहा, लेकिन प्रशासन के व्यापक कदम उठाने से पहले ही गरीब तबके के पालकों ने भी अपने बच्चों के लिए कान्वेंट की ओर कदम बढ़ा लिया है। लगातार विद्यार्थी संख्या कम होने से शिक्षकों के अतिरिक्त होने और स्कूलों के बंद होने से प्रशासन ने पहल आरंभ कर दी है। हालांकि अब भी मनपा प्रशासन की ओर से स्कूलों में सुविधा बढा़ने को लेकर प्रामाणिक रूप से प्रयास नहीं हो रहे हैं। ऐसे में पिछले पांच सालों में 45 स्कूलों को ताला लग गया है।

आकांक्षा अंग्रेजी स्कूल में दिलचस्पी : दो साल पहले तत्कालीन आयुक्त राधाकृष्णन बी की ओर से अंग्रेजी स्कूलों को आरंभ करने को लेकर पहल हुई थी। मुंबई की स्वयंसेवी संस्था की ओर से शहर में मनपा की 6 स्कूलों को आंकाक्षा फाउंडेशन के सहयोग से आरंभ किया गया है। आकांक्षा की ओर से पाठयक्रम और शिक्षकों की व्यवस्था की गई है, जबकि मनपा की ओर से इमारत और बुनियादी सुविधाओं को तैयार कर दिया गया है। पिछले दो सालों में 6 स्कूलों में छात्रसंख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इन स्कूलों में पालकों और विद्यार्थियों की दिलचस्पी को देखते हुए अंग्रेजी स्कूलों को बढ़ाने का प्रयास हो रहा है।

स्थितियों ने किया मजबूर

लगातार स्कूलों में विद्यार्थी संख्या में कमी होने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में कमी, बुनियादी संसाधनों का अभाव और प्रशासन की शिक्षा को लेकर अनदेखी महत्वपूर्ण रहीं है। अब मनपा के अधिकतर शिक्षकों को पदाधिकारियों और अधिकारियों की मनमर्जी के मुताबिक स्कूल और कार्य करने की सुविधा दी जा रही है।

शिक्षा गुणवता बढ़ाने का प्रयास जारी

साधना सयाम, प्रभारी शिक्षणाधिकारी, मनपा के मुताबिक स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। इसके साथ ही अंग्रेजी स्कूलों के प्रति पालकों के आकर्षण को देखते हुए आकांक्षा फाउंडेशन के माध्यम से अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों को भी आरंभ किया गया है। अब मनपा स्कूलों में एक बार फिर से विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।


Created On :   7 July 2024 3:51 PM IST

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