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सेहत: सबसे अधिक हैं मुख कैंसर के मरीज , 68% को तंबाकू चबाने से हुई है बीमारी
- विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज
- बच्चों व युवकों को निशाना बना रही कंपनियां
- तंबाकूजन्य सामग्री का सेवन करने से स्वास्थ्य समस्याएं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के एक कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कैंसर के गंभीर मामलों के कैंसर का अध्ययन किया। इसमें जो आंकड़े सामने आए, उससे पता चला है कि 31 फीसदी मरीजों को मुंह का कैंसर है। इनमें से 68 फीसदी को तंबाकू चबाने से कैंसर होने की पुष्टि हुई है। 2021-22 में कैंसर के 5832 मामलों में 1775 में मुख कैंसर पाया गया है।
साल भर के मरीजों पर हुआ अध्ययन : उपराजधानी के राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने 2021-22 में कैंसर मरीजों पर अध्ययन किया। 5832 गंभीर स्वरूप के मरीजों पर अध्ययन के दौरान 31 फीसदी यानी 1775 मरीजों में मुख कैंसर पाया गया। इन मरीजों में से 68 फीसदी यानी 1207 मरीज ऐसे थे, जिन्हें तंबाकू चबाने के कारण गंभीर स्वरूप का मुख कैंसर हुआ है। अध्ययन करनेवाली टीम में अस्पताल के निदेशक डॉ. करतार सिंह, मानद सलाहकार डॉ. बी. के. शर्मा, ईएनटी ऑन्कोसर्जन डॉ. अनिरुद्ध वाघ, अनंसंधान वैज्ञानिक डॉ. रेवू शिवकला समेत अन्य अधिकारी वर्ग शामिल था।
कंपनियों व फैक्टरियों के निशाने पर बच्चे व युवा : हाल ही में हुए अध्ययन में पता चला है कि तंबाकू कंपनियां अपने उत्पादों का प्रचार-प्रसार व विज्ञापन आदि शैक्षणिक संस्थानों के आसपास कर रही हैं, और बच्चों व युवकों को निशाना बना रही हैं। इस आयु वर्ग के लोगों में सिगरेट पीने, तंबाकू चबाने, तंबाकूजन्य सामग्री का सेवन करने से स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं।
21600 मौत का आंकड़ा अब 12 लाख : 20 साल पहले तंबाकू से होनेवाले कैंसर से हर साल 21600 लोगों की मौत होती थी। अब यह संख्या बढ़ चुकी है। पहले 20 फीसदी युवा पुरुष और 3 फीसदी युवा महिलाएं तंबाकू का सेवन करते थे। अब 42 फीसदी युवा पुरुष व 23 फीसदी युवा महिलाएं तंबाकू का सेवन करने की जानकारी है। आईसीएमआर के अनुसार देश में सालाना 12 लाख से अधिक मौतें कैंसर के कारण होती है। दुनिया में तंबाकू के कारण होने वाली मौत के मामले में देश तीसरे क्रमांक पर है। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एक अध्ययन में जो सामने आया, वह भविष्य के लिए घातक है।
नियम-कानून का अमल करना जरूरी : अस्पताल सूत्रों के अनुसार, बच्चों व युवाओं में तंबाकू नियंत्रण जरूरी है। तंबाकू को बढ़ावा देनेवाले विज्ञापनों पर रोक लगाना, स्कूलों व महाविद्यालयों के आसपास विज्ञापन, दुकानें आदि पर रोक लगाना जरूरी है। इसके अलावा सोशल मीडिया, सार्वजनिक स्थानों, फिल्मों व टीवी कार्यक्रमों पर भी तंबाकू व निकोटिन या इससे बनी सामग्री को दिखाने पर या विज्ञापन करने पर पाबंदी की आवश्यकता है।
जागरुकता रैली व कार्यक्रम : विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर शुक्रवार को राष्ट्रसंत तुकडोजी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र नागपुर द्वारा सुबह 8.30 बजे से जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम अस्पताल के दादा विक्योमल श्रॉफ क्लीनिकल सभागृह में होगा। इस दौरान, जागरुकता रैली, सभागृह कार्यक्रम, डॉ. जुही मालवीय का व्याख्यान, आईएमए अध्यक्ष समेत विविध मान्यवरों का मार्गदर्शन आदि होंगे। अस्पताल के निदेशक डॉ. करतार सिंह प्रास्ताविक रखेंगे। कार्यक्रम के दौरान कैंसर योद्धाओं को सम्मानित किया जाएगा।
अधिकतर मरीज तीसरे व चौथे चरण के : अधिकतर मरीज तीसरे व चौथे चरण के होते हैं। इस कारण 50 फीसदी मरीज तो उपचार चलते-चलते बीच की अवधि में ही दम तोड़ देते हैं। वहीं उपचार चलते रहने से 50 फीसदी मरीजों को 5 से अधिकतम 7 साल तक जीवन मिल जाता है। प्राथमिक या दूसरे चरण के मरीजों का उपचार समय पर शुरु होने पर उनके बचने व पूर्ण स्वस्थ होने की संभावना अधिक होती है।
Created On :   31 May 2024 10:09 AM GMT