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महाराष्ट्र-तेलंगाना बॉर्डर: महाराष्ट्र के 14 गांव के 3000 लोग तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए डालेंगे वोट
- दोनों राज्यों की सरकारें सुलझा नहीं पाईं मुद्दा
- महाराष्ट्र के वोटरों की तेलंगाना में वोटिंग पर क्या कहते हैं जिम्मेदार
- सभी के पास दो-दो वोटर-आधार कार्ड
डिजिटल डेस्क, सुनील हजारी | सामान्य मतदाता का यदि दो जगह नाम हो या फिर वह दो जगह वोट करता है, तो अधिनियम 1950 की धारा 51 के तहत उस पर एफआईआर दर्ज करने के साथ एक साल की सजा तक का प्रावधान है, मगर महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच स्थित 14 गांवों के वोटर खुलेआम सरकारों की सहमति से दोनों राज्यों में वोट करते हैं। तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए एक बार फिर महाराष्ट्र के 3000 वोटर वोट डालेंगे। दोनों राज्य वोट बैंक की लालच में नियम विरुद्ध काम पर अपनी मौन सहमति देते हैं। यह देश में अपने आप में अनोखा मामला है। इतने सालों से यह सब कैसे चल रहा है? सरकारों के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी अब तक इसका हल क्यों नहीं निकाल सके? नियमों के विपरीत हो रहे इस काम पर जिम्मेदारों के पास जवाब नहीं हैं। इस पर कुछ तर्क, तो कुछ कुतर्क और कुछ अपनी मजबूरियां गिनाते नजर आए।
सभी के पास दो-दो वोटर-आधार कार्ड
महाराष्ट्र और तेलंगाना बॉर्डर के 14 गांव मुकादमगुड़ा, पारंडोली, पारंगडोली (टांडा), कोटा, लेंडीजाडा, महाराजगुड़ा, शंकरलोडी, गौरी, अंतपुर, इंद्रनगर, ईसापुर, नारायणगुडा, बोलापातर और लेंडीगुडा पर दोनों राज्य अपना दावा करते हैं। इन ग्रामीणों के पास दोनों ही राज्यों के आधार और वोटर कार्ड हैं। 5000 लोगों की आबादी में करीब 3000 वोटर हैं। यह गांव 1956 में राज्य के पुनर्विभाजन के दौरान तेलंगाना में आ गए थे। महाराष्ट्र के करीब होने के कारण 1987 में इन गांवों को चंद्रपुर जिले के जीवती तहसील में शामिल कर लिया गया। इसके बाद से ही दोनों राज्य इस पर अपना-अपना दावा करते हैं। महाराष्ट्र के इन गांवों में तेलंगाना की आसिफाबाद विधानसभा के उम्मीदवार वोटरों को लुभाने के लिए सभी दांव आजमा रहे हैं।
ऊपरी स्तर का मामला
विनय गौडा, कलेक्टर चंद्रपुर केल मुताबिक जिन 14 गांवों की बात कर रहे हैं, वह महाराष्ट्र और तेलंगाना में समान रूप से वोटर हैं। दो जगह वोट करने का नियम नहीं है, मगर दोनों राज्यों के सीमा विवाद का हल मेरे स्तर पर नहीं हो सकता है। मामला कोर्ट में भी है। वहां से फैसला आने के बाद ही हम कुछ कर सकते हैं।
हमारे राज्य के लोग हैं
सुभाष धोटे, विधायक, जीवती के मुताबिक जीवती तहसील के 14 गांव के लोगों में से अधिकतर महाराष्ट्र के हैं। वे महाराष्ट्र में ही रहना चाहते हैं। कोर्ट भी उन्हें एक बार महाराष्ट्र निवासी होने का फैसला सुना चुका है। वे अभी तेलंगाना में भी वोट करेंगे, यह मेरी जानकारी में है, मगर हम उन्हें रोक नहीं सकते।
दो जगह वोट कैसे करते हैं, यह मैं नहीं बता सकता
बोरखड़े हेमन्त सहदेव राव, कलेक्टर, आसिफाबाद, तेलंगाना के मुताबिक तेलंगाना सीमा के 14 गांव के निवासियो के नाम तेलंगाना की मतदाता सूची में शामिल हैं। एक साथ दो राज्यों में वे मतदान कैसे करते हैं? इसका जवाब मैं नहीं दे सकता?
वे तेलंगाना के लोग हैं
आत्रम सक्कु, विधायक, आसिफाबाद के मुताबिक जिन 14 गांवों की आप बात कर रहे हैं वे तेलंगाना निवासी हैं। वे हमारे यहां मतदान भी करेंगे, इसलिए हमने उन्हें तेलंगाना की सभी सुविधाएं दी हैं। आप खुद यहां सर्वे करवा लीजिए, सभी तेलंगाना में ही आना चाहते हैं। वोट देने से हम उन्हें नहीं रोक सकते।
कलेक्टर से जांच कराएंगे
सुरेश काकानी, सचिव, महाराष्ट्र चुनाव आयोग के मुताबिक नियमानुसार एक वोटर दो जगह रजिस्ट्रर्ड नहीं हो सकता और न ही वोट कर सकता है। जिन 14 गांवों की आप बात रहे हैं वह विस चुनाव में तेलंगाना में वोट किस आधार पर कर रहे हैं? इस संबंध में कलेक्टर चंद्रपुर से एक रिपोर्ट देने को कहेंगे, इसके बाद कोई निर्णय करेंगे।
Created On :   20 Nov 2023 3:11 PM GMT