पेंच में 30 मगरमच्छ, पर कछुए हुए कम, पानी में रहने वाले वन्यजीवों की हुई गणना

पेंच में 30 मगरमच्छ, पर कछुए हुए कम, पानी में रहने वाले वन्यजीवों की हुई गणना
  • पहली बार पानी में रहने वाले वन्यजीवों की हुई गणना
  • घास के कारण आईं दिक्कतें, नहीं दिखे वन्यजीव
  • 30 मगरमच्छ, कछुए हुए कम

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महाराष्ट्र के पेंच व्याघ्र प्रकल्प में पहली बार पानी में रहने वाले वन्यजीवों की गणना की गई है। 2 से 4 जून के बीच हुई गणना में सबसे ज्यादा मगरमच्छों की संख्या पाई गई। कुल 30 मगरमच्छ दिखाई दिए। ज्यादातर मगरमच्छ नांजपीर से किरनी के बीच पाए गए, लेकिन कछुए केवल तोतलाडोह में देखे गए। उदबिलाव की मौजूदगी होने की बात भी सामने आई है। हालांकि इसे वन विभाग ने देखा नहीं। मछुआरों ने इनकी मौजूदगी बताई है।

घास के कारण आईं दिक्कतें, नहीं दिखे वन्यजीव

पेंच में पहली बार हुए इस सर्वेक्षण में 25 लोगों ने काम किया।12 महाराष्ट्र के और 6 लोग बाहरी राज्य से थे। प्रक्रिया में तकनीकी पक्ष संभालने का जिम्मा तिनसा इकोलॉजिकल फाउंडेशन ने उठाई थी। यह सर्वेक्षण तीन क्षेत्र में किया गया था, जिसमें तोतलाडोह, अपर व लोअर पेंच जलाशय, ऊपरी व निचले क्षेत्र का जलाशय शामिल था। पेंच नदी पर 15 संरक्षण कुटी बनाई गई थी। सर्वे के लिए विभाग ने मछलीमार बोट का इस्तेमाल किया। करीब 200 किमी नदी की लंबाई नापी गई, जिसमें 30 मगरमच्छ पाए गए। 24 गुफाएं मिलीं। वन विभाग की मानें तो घास का प्रमाण बहुत ज्यादा होने से कुछ वन्यजीव दिख नहीं पाए। क्षेत्र संचालक श्रीमती श्रीलक्ष्मी व उपवनसंरक्षक डॉ. पीएन शुक्ला के मार्गदर्शन में सर्वेक्षण किया गया।

उद्घाटन समारोह कोलितमारा में आयोजित किया गया था। मानद वन्यजीव रक्षक अंजिक्य भटकर, डॉ. अमित कुमार, डी.पी.श्रीवास्तव, श्रीमती प्रेरणा शर्मा, सोनू दलाल (तिनसा फाउंडेशन) आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के आयोजक आयोजन सहायक वनसंरक्षक किरण पाटील भी इस दौरान थे।

Created On :   5 Jun 2023 4:47 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story