समारोह: उच्च शिक्षा से वंचित महिलाओं तक पहुंचे महिला विश्वविद्यालय, बनाएं शिक्षित

उच्च शिक्षा से वंचित महिलाओं तक पहुंचे महिला विश्वविद्यालय, बनाएं शिक्षित
  • एसएनडीटी के 73 वें दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल रमेश बैस
  • पढ़ाई छोड़ने वाली लड़कियों को फिर से शिक्षा से जोड़ें
  • शिक्षा को आधार बनाकर महिलाएं बने आत्मनिर्भर

डिजिटल डेस्क,मुंबई। जब देश आजाद हुआ महिलाओं की साक्षरता दर 9 फीसदी ही थी जो आज बढ़कर 77 फीसदी हो गई है लेकिन अब भी बड़ी संख्या में महिलाएं उच्च शिक्षा से वंचित हैं। खासकर आदिवासी समाज की ज्यादातर महिलाएं उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पातीं। आर्थिक रुप से पिछड़ी, बीच में पढ़ाई छोड़ने को मजबूर, अल्पसंख्यक, दिव्यांग और जेलों में सजा काट रहीं महिलाओं को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए श्रीमती नाथीबाई दोमोदर ठाकरसी (एसएनडीटी) महिला विश्वविद्यालय को उन तक पहुंचना चाहिए।

विश्वविद्यालय के 73वें दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल रमेश बैस ने यह आग्रह किया। शनिवार को विश्वविद्यालय के पाटकर हॉल में दीक्षांत समारोह हुआ जिसमें विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर उज्वला चक्रदेव समेत दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे। राज्यपाल बैस ने कहा कि हाल ही में हुई एक प्रशासनिक बैठक के दौरान मुझे पता चला कि बड़ी संख्या में आदिवासी लड़कियां दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को इसकी वजह पता करनी चाहिए और पढ़ाई छोड़ने वाली लड़कियों को फिर से शिक्षा शुरू करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को उच्च शिक्षा कैसे दी जा सकती है विश्वविद्यालय को इसके लिए पेशेवर स्तर पर मार्गदर्शन हासिल करना चाहिए। साथ ही उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए तकनीक और ऑनलाइन शिक्षा की मदद लेनी चाहिए।

कौशल विकास पर दें ध्यान’ : राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि रोजगार और अपना कारोबार शुरू करने के लिए अब पारंपरिक शिक्षा पर्याप्त नहीं है इसलिए महिला विश्वविद्यालय को कौशल विकास पर विशेष जोर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। राजनीति में भी अब बड़ी संख्या में महिलाएं आगे आ रहीं हैं ऐसे में शासन, प्रशासन में भी महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़नी चाहिए। कुलपति उज्वला चक्रदेव ने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए कौशल विकास आधारित नए पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। दीक्षांत समारोह के दौरान 13749 छात्राओं को स्नातक और स्नातकोत्तर जबकि 43 को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई। 71 छात्राओं ने स्वर्णपदक हासिल किया।

Created On :   17 Feb 2024 8:04 PM IST

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