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Mumbai News: राज्य में दिव्यांगों को रोजगार देने बनेगी नीति, मुख्यमंत्री फडणवीस के निर्देश

- दिव्यांगों को रोजगार देने बनेगी नीति
- वाढवण बंदरगाह के लिए 3 हजार 40 करोड़ रुपए देने को मान्यता
Mumbai News. प्रदेश में दिव्यांगों को रोजगार के लिए नीति बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिव्यांगों को रोजगार के लिए राज्य के कौशल्य विकास व उद्योग विभाग को नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रोजगार और स्टॉल को लेकर भी नीति बनाने को कहा है। फडणवीस ने कहा कि नई योजना और नीति बनाकर दिव्यांगों को कौशल्य प्रशिक्षण, रोजगार व स्वयंरोजगार के मौके उपलब्ध कराए जाएंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री ने राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में दिव्यांगों की विभिन्न समस्याओं को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार, प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री बच्चू कडू, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक और अफसर मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दिव्यांगों के आर्थिक सहायता की राशि बढ़ाने के लिए सकारात्मक है। लाड़ली बहन योजना के तर्ज पर दिव्यांग लाभार्थियों को आर्थिक सहायता का लाभ सीधे बैंक खाते में जमा किया जाएगा। दिव्यांग नागरिकों के लिए लागू विशेष सहायता योजना की राशि डीबीटी प्रणाली के जरिए लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा कराई जाए। जिन लाभार्थियों का बैंक खाता आधार नंबर से जुड़ा नहीं है। ऐसे लाभार्थियों के बैंक खाते को आधार से जोड़ने के लिए संबंधित जिलाधिकारी चरण बद्ध तरीके से अभियान चलाएं।
प्रमाण पत्र के लिए विशेष अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को दिव्यांगता का प्रमाणपत्र नहीं होने के कारण सरकारी योजना, रियायत, शिक्षा, नौकरी और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने में परेशनी होती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग दिव्यांग प्रमाण पत्र बांटने के लिए विशेष अभियान चलाए।
प्रत्येक विवि में दिव्यांगों के लिए स्वतंत्र व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों को उच्च शिक्षा के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालयों को स्वतंत्र व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें दिव्यांग अनुकूल आधारभूत सुविधा, सहायक उपकरण, विशेष मार्गदर्शन केंद्र आदि का समावेश होगा। फडणवीस ने दिव्यांगों को शिक्षा के मुख्य प्रवाह में लाने के लिए उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को प्रस्ताव तैयार करके मंत्रिमंडल मंे पेश करने के निर्देश दिए हैं।
अंत्योदय योजना में दिव्यांग होंगे शामिल
मुख्यमंत्री ने राज्य के अन्न व नागरिक आपूर्ति विभाग को अंत्योदय अन्न योजना के लिए पात्र दिव्यांगों को राशन कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मापदंड़ों के कारण जिन दिव्यांगों को राशन कार्ड नहीं दिया जा सकेगा, ऐसे लोगों के लिए अलग से योजना तैयार की जाएगी।
दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत निधि
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दिव्यांगों के लिए जिला वार्षिक योजना के तहत साल 2025-26 से एक प्रतिशत निधि आरक्षित की जाएगी। इस निधि से दिव्यांगों को सभी सुविधाओं को लाभ एक मंच पर देने के लिए जिला दिव्यांग भवन स्थापित किया जाएगा।
आवास योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दिव्यांगों को घर देने के लिए स्वतंत्र आवास योजना तैयार करेगी। जिन दिव्यांगों के पास जमीन नहीं है ऐसे लाभार्थियों को घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने को लेकर सरकार मदद करेगी। बैठक में दिव्यांक कल्याण कानून के तहत प्रत्येक विभाग को पांच प्रतिशत निधि खर्च करने के संबंध में चर्चा हुई।
वाढवण बंदरगाह के लिए 3 हजार 40 करोड़ रुपए देने को मान्यता
उधर राज्य सरकार ने पालघर के डहाणु में वाढवण बंदरगाह विकास परियोजना के लिए महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड को 3 हजार 40 करोड़ रुपए निधि उपलब्ध कराने के लिए मंजूरी दी है। सोमवार को राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक अब महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड की ओर से मांग आने के बाद चरण बद्ध तरीके से सरकार यह निधि उपलब्ध कराएगी। यह निधि महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को वाढवण पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड को हस्तांतरित करने का अधिकार होगा। वाढवण बंदरगाह परियोजना पर कुल 76 हजार 220 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस परियोजना के काम जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीटी) और महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड के संयुक्त भागीदारी से पूरा किया जाएगा। इसके लिए वाढवण पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड की स्थापना की गई है। वाढवण पोर्ट के विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीटी) का हिस्सा 74 प्रतिशत और महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड की भागीदारी 26 प्रतिशत है। राज्य सरकार ने जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीटी) और महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड की 26 प्रतिशत भागीदारी की राशि यानी 3 हजार 40 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने के लिए मान्यता दी है। देश के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए जल परिवहन के माध्यम से आयात और निर्यात हेतु आधुनिक आधारभूत सुविधाएं सहित बंदरगाह परियोजना की निर्माण करने की जरूरत है। इसके मद्देनजर जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण ने वाढवण को सेटेलाइन पोर्ट के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त 2024 को वाढवण बंदरगाह परियोजना की भूमिपूजन किया था। वाढवण गहरे पानी में बनाया जाने वाला भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह होगा। इससे अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों को सीधा संपर्क स्थापित होगा।
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Created On :   7 April 2025 10:04 PM IST