Mumbai News: हर्षवर्धन सपकाल ने कहा - जजिया कर की लूट बंद करो और पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करो

हर्षवर्धन सपकाल ने कहा - जजिया कर की लूट बंद करो और पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करो
  • सरकार ईंधन पर लगाए गए कर और उपकर पर श्वेत पत्र जारी करे
  • जजिया कर की लूट बंद करो और पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करो

Mumbai News. वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं, लेकिन देश के लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 65 डॉलर प्रति बैरल पर है, देश में पेट्रोल की कीमत लगभग 109 रुपये और डीजल 93 रुपये से अधिक है। भाजपा सरकार ईंधन पर जजिया कर लगाकर जनता को लूट रही है। मुंबई में सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने यह सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार को कच्चे तेल की कीमत में हुई कमी से टैक्स को कम करके लोगों को राहत प्रदान करनी चाहिए। सरकार को तेल के इस काले खेल पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।

सपकाल ने कहा कि सरकार चाहे तो कच्चे तेल की कीमतें इतनी कम हो गई हैं कि पेट्रोल 51 रुपये और डीजल 41 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान, भले ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 145 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी लेकिन पेट्रोल की कीमत 70 रुपए और डीजल की कीमत 45 रुपये प्रति लीटर थी। अब जबकि कच्चा तेल 65 डॉलर पर है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.56 रुपए और डीजल पर 3.48 रुपए था। अब भाजपा सरकार ने इसे बढ़ाकर 32 रुपए कर दिया है।

सपकाल ने कहा कि एलपीजी सिलेंडर की कीमत भी, जो पहले 400 से 450 रुपए हुआ करती थी, अब दोगुनी हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई है, यह सरकारी लूट है, इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। रूस भारत को बाजार मूल्य से 30 प्रतिशत कम दर पर कच्चा तेल उपलब्ध कराता है, जिससे रिलायंस और नायरा नामक दो कंपनियों को सीधा लाभ होता है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण इसका लाभ अब इन तेल कंपनियों को ही हो रहा है, जनता को नहीं। ये कंपनियां सस्ता कच्चा तेल खरीदकर उसे यूरोप में बेचकर मुनाफा कमा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में अगर एलपीजी सिलेंडर में 15 रुपये की वृद्धि होती थी तो सड़कों पर भाजपा के लोग उतर जाते थे। अब वही लोग कहीं गायब हो गए हैं।


Created On :   7 April 2025 10:08 PM IST

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