Mumbai News: जब तक दोष सिद्धि दर में सुधार नहीं होता, तब तक ईडी की गिरफ्तारियों को लेकर लोगों में संशय रहेंगा - न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयन

जब तक दोष सिद्धि दर में सुधार नहीं होता, तब तक ईडी की गिरफ्तारियों को लेकर लोगों में संशय रहेंगा - न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयन
  • प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट को लेकर बयान
  • दोष सिद्धि दर में सुधार की जरूरत

Mumbai News. जब तक पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) मामलों में दोष साबित होने की दर में सुधार नहीं होती, तब तक ईडी की गिरफ्तारियों को लेकर लोगों में संशय रहेगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 2014 से 2024 तक दर्ज किए गए 5 हजार से ज्यादा मामलों में से केवल 40 मामले में ही लोगों पर दोष साबित हुआ। यही कारण है कि मनी लांड्रिंग से निपटना जरूरी होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट से ऐसे कई मामलों में जमानत मिल जाती है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश उज्जवल भुयन ने रविवार को मुंबई के कफ परेड स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में आयोजित वकील अखिलेश दुबे की पुस्तक के विमोचन समारोह में यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए पीएमएलए कानून एक महत्वपूर्ण हथियार है, तो फिर हम जमानत के बारे में इतना क्यों बोल रहे हैं? केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से पता चलता है कि पीएमएलए मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। 2024 तक ईडी ने 5 हजार से अधिक मामले दर्ज किए, जबकि केवल 40 मामलों में ही लोगों पर आरोप साबित हुए, जो बहुत कम है। न्यायाधीश ने आगे कहा कि पीएमएलए मामलों में जमानत दिए जाने के कारण आम जनता में यह गलत धारणा बन रही है कि वे जमानत को बरी किए जाने के बराबर मानते हैं। इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे ने पीएमएलए के एक मामले का उल्लेख किया कि कैसे एक व्यक्ति को सुबह साढ़े दस बजे ईडी कार्यालय बुलाया गया था, उससे रात भर पूछताछ की गई और दूसरे दिन सुबह साढ़े पांच बजे गिरफ्तार दिखाया गया। हमने गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका खारिज कर दी, लेकिन ईडी अधिकारियों के इस आचरण की निंदा की।

Created On :   6 April 2025 10:14 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story