अभियान: नई शिक्षा नीति के लेकर विद्यार्थियों का भ्रम जल्द दूर करेंगे विश्वविद्यालय

नई शिक्षा नीति के लेकर विद्यार्थियों का भ्रम जल्द दूर करेंगे विश्वविद्यालय
  • उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने दिए एनईपी कनेक्ट के निर्देश
  • विद्यार्थियों को पढ़ाई छोड़ने से रोकने की भी होगी कोशिश
  • अभियान होता है फायदेमंद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी शैक्षणिक सत्र से राज्य स्नातक की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। चार साल के पाठ्यक्रम के अलावा विद्यार्थियों के पास अपनी पसंद के मुताबिक विषय चुनने के भी ज्यादा मौके होंगे। लेकिन नई शिक्षा नीति को लेकर अब भी विद्यार्थियों और अभिभावकों के मन में कई सवाल हैं। इसी भ्रम को दूर करने के लिए राज्य के सभी गैरकृषि विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों और कॉलेज में जाकर 12वीं के विद्यार्थियों और अभिभावकों का मार्गदर्शन करें। उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के सभी गैर कृषि विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे 15 जनवरी से 31 जनवरी तक ‘एनईपी कनेक्ट’ (स्कूल कनेक्ट) अभियान चलाएं और विद्यार्थियों को बताएं कि किस तरह अब उनके पास अपनी पसंद के विषय चुनने की आजादी होगी और पढ़ाई के बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे।

खासतौर पर विद्यार्थियों को बताया जाएगा कि किस तरह रचनात्मकता, व्यावहारिकता और कौशल विकास को तरजीह देकर नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है और मूल्यांकन पद्धति में किस तरह के बदलाव किए गए हैं। विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने के लिए सभी विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी सहायता कक्ष भी बनाए जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति को लेकर विद्यार्थियों और अभिभावकों के मन में कई सवाल हैं इस अभियान के जरिए हमारी कोशिश है कि लोगों को सवालों के जवाब मिले।

विद्यार्थियों को पढ़ाई छोड़ने से रोकने की भी होगी कोशिश

आर्थिक परेशानी और दूसरी वजहों से पढ़ाई बीच में छोड़ काम करने को मजबूर विद्यार्थियों को दूरस्थ शिक्षा के जरिए पढ़ाई पूरी करने के मौकों और छात्रवृत्ति के विकल्पों की भी जानकारी दी जाएगी। विश्वविद्यालयों को 12वीं के सभी विद्यार्थियों का डेटाबेस तैयार करने को कहा गया है जिससे पढ़ाई छोड़ने पर उनसे संपर्क किया जा सके। विद्यार्थियों को इंटर्नशिप, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और पीएचडी के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। विश्वविद्यालयों को कार्यक्रमों को लेकर 10 फरवरी तक रिपोर्ट भी पेश करने को कहा गया है।

ऐसा अभियान होता है फायदेमंद

इससे पहले तकनीकी शिक्षा संस्थानों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए 10वीं के विद्यार्थियों का इसी तरह मार्गदर्शन किया गया था और उन्हें बताया गया था कि उन्हें किस तरह रोजगार और स्वयंरोजगार के मौके मिलेंगे। इसके सकारात्मक नतीजे सामने आए थे और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने तकनीकी शिक्षा संस्थानों में दाखिले लिए थे।

Created On :   11 Jan 2024 9:02 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story