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खुलासा: सलमान खान के घर फायरिंग मामले में हथियार देनेवाले दो आरोपी पंजाब से गिरफ्तार
- पनवेल में सौंपी थी दो पिस्तौल और 38 राउंड गोली
- दो आरोपी पंजाब के एक ही गांव के रहने वाले हैं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अभिनेता सलमान खान के घर फायरिंग मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को दो आरोपियों को पंजाब के जालंधर से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों की पहचान सोनू सुभाष चंदर (37) और अनुज थापन (32) के रूप में हुई है। दोनों पंजाब में एक ही गांव के रहने वाले हैं। क्राइम ब्रांच की टीम इन्हें लेकर गुरुवार रात मुंबई पहुंची, इन दोनों ने ही शूटर विकी गुप्ता और सागर पाल को पनवेल में 15 मार्च को दो पिस्तौल और 38 राउंड गोलियां सौंपी थीं। सलमान के घर के बाहर फायरिंग मामले में अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। संयुक्त पुलिस आयुक्त लखमी गौतम ने बताया कि सोनू की गांव में खेती और किराने की दुकान है। वहीं अनुज ट्रक पर खलासी का काम करता है। सूत्रों के अनुसार अनुज का अपराधिक रिकॉर्ड भी है और वह बिश्नोई गैंग के संपर्क में था। सोनू और अनुज दोनों ने हथियार और राउंड देने से पहले एक एक गोलियां चलाकर परीक्षण किया था। फिर दो पिस्तौल और 38 राउंड गोली विकी और सागर को सौंपी थी। पुलिस के मुताबिक 38 राउंड में से 5 राउंड सागर पाल ने सलमान के घर पर फायर किया था। 17 राउंड तापी नदी से पुलिस ने बरामद की है। जबकि 16 राउंड मिसिंग है। पुलिस को संदेह है कि विकी और सागर ने होली में अपने गांव में प्रैक्टिस किया होगा, इसमें मिसिंग 16 राउंड का इस्तेमाल हुआ होगा। इस बीच विकी और सागर को अदालत में दोबारा पेश किया गया, जहां से उन्हें 29 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
बहुराष्ट्रीय कंपनी की पूर्व निदेशक महिला से 25 करोड़ की ठगी
उधर एक मामले में बहुराष्ट्रीय कंपनी (एमएनसी) की पूर्व निदेशक महिला से साइबर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इसमें महिला से करीब 25 करोड़ रुपए की ठगी हुई है। जालसाजों ने महिला को अपना परिचय केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी के रूप में दिया था। उन्होंने महिला को बताया कि धन शोधन (मनी लॉड्रिंग) के एक प्रकरण में इसकी जांच चल रही है। इससे बचने के लिए महिला ने जालसाजों को अपने निवेश, शेयर्स और गोल्ड लोन के जरिए 25 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। लेकिन जब महिला को धोखाधड़ी का आभास हुआ तो उन्होंने पुलिस की मदद ली। यह शहर में हुई सबसे बड़ी साइबर धोखधड़ी में से एक है। इस प्रकरण में मुंबई पुलिस के साइबर विभाग ने मामला दर्ज कर अब तक 31 बैंक खाते सीज किए हैं। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि महिला को धोखेबाजों ने अपना परिचय पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी के तौर पर दिया था और कहा कि धन शोधन के एक मामले में उसके खिलाफ जांच चल रही है। पुलिस का कहना है कि यह मामला हाल के समय में शहर में नागरिकों को निशाना बनाकर की गई सबसे बड़ी साइबर धोखाधड़ी में से एक है। पुलिस के मुताबिक, पीड़िता ने जालसाजों को पैसे चुकाने के लिए अपनी और अपने मां के शेयर बेच दिए, म्यूचअल फंड में निवेश राशि निकाली और ‘गोल्ड लोन’ भी लिया। यह घटनाक्रम इस साल छह फरवरी से शुरू होकर दो महीने की अवधि के दौरान हुआ।
Created On :   25 April 2024 5:01 PM GMT