बॉम्बे हाईकोर्ट: मीरा-भायंदर महानगरपालिका के दो आरोपी जूनियर इंजीनियरों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

मीरा-भायंदर महानगरपालिका के दो आरोपी जूनियर इंजीनियरों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
  • पदोन्नति में रुकावट बनने कार्यकारी इंजीनियर की हत्या की, राजन गैंग को सुपारी देने का मामला
  • याचिका में मामले से बरी करने का किया अनुरोध
  • अदालत ने मुंबई पुलिस से मांगा जवाब
  • 4 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने पदोन्नति में रुकावट बनने मीरा-भायंदर महानगरपालिका(एमबीएमसी)के कार्यकारी इंजीनियर दीपक खंबित की हत्या की राजन गैंग को सुपारी देने के मामले में दो आरोपी जूनियर इंजीनियरों की याचिका पर मुंबई पुलिस से जबाव मांगा है। दोनों आरोपियों ने याचिका में मामले से उन्हें बरी करने का अनुरोध किया है। कस्तूरबा मार्ग पुलिस ने दोनों जुनियर इंजीनियर समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 4 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।

न्यायमूर्ति एस.एम.मोडक की एकलपीठ के समक्ष एमबीएमसी के जुनियर इंजीनियर श्रीकृष्ण सदाशिव मोहिते और यशवंतराव देशमुख की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि उन्हें कथित अपराध में झूठा फंसाया गया है और उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। प्रथम दृष्टया उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 324, 120(बी) के साथ धारा 34, शस्त्र अधिनियम की धारा 25, 27 के तहत दंडनीय धारा 3 और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 135 के तहत दंडनीय धारा 37 के तहत कोई अपराध नहीं बनता है। जबकि खंबित की ओर से वकील चंदन जयसवाल ने पीठ से समक्ष दोनों आरोपियों के खिलाफ सबूत पेश किया और उन्हें इस मामले से बरी करने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने गोलीबारी में दोनों जुनियर इंजीनियर की अहम भूमिका होने का दावा किया।

दीपक खंबित एमबीएमसी में कार्यकारी इंजीनियर के रूप में तैनात थे। वह 9 सितंबर 2021 को शाम 5.40 बजे कार्यालय से अपना कार्य समाप्त घर जा रहे थे। इस दौरान बोरिवली (पूर्व) संजय गांधी फ्लाईओवर से यूटर्न ले रहे थे, तब ओंकारेश्वर मंदिर के पास उनकी कार पर मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने दो राउंड गोली चलाई थी, लेकिन इस गोलीबारी में वह बाल-बाल बच गए थे।

मोहिते और देशमुख ने अपने वरिष्ठ अधिकारी खंबित से रंजिश रखते थे, क्योंकि उनका मानना था कि उन्होंने उन्हें पदोन्नति से वंचित कर दिया था। वे पदोन्नति नहीं होने से व्यथित थे। उन्होंने 20 लाख रुपए आरटीआई कार्यकर्ता राजू विश्वकर्मा और प्रदीप पाठक के जरिए अमित सिन्हा और अजय सिंह को खंबित की हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस ने आरोपियों की खोजबीन के लिए 100 सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। जांच के बाद पुलिस शूटर अमित सिन्हा और अजय सिंह तक पहुंची, जिन्हें उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था। शूटरों को 20 लाख रुपए देने का वादा किया गया था और उन्हें 6 लाख रुपए का अग्रिम भुगतान किया गया था।



Created On :   30 Jun 2024 8:44 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story