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खास उद्देश्य: इलाज में पौष्टिक पदार्थों के महत्व को समझाने की कोशिश, आहार की अहमियत बताएंगे डॉक्टर
- 25 हजार डॉक्टरों को जागरूक करने का लक्ष्य
- प्रमाणित वनस्पति पोषक आहार के प्रति जागरूकता
डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। देश में मधुमेह, हाइपरटेंशन आदि जीवन शैली से संबंधित बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। ऐसे मरीजों का इलाज डॉक्टर दवाइयों से करते हैं। लेकिन ऐसे गंभीर रोगों के इलाज में वनस्पति आधारित पोषक आहार काफी कारगर साबित हो रहे हैं और इसके प्रमाणित परिणाम भी सामने आए हैं। इन्हीं परिणामों से ‘पैन इंडिया' डॉक्टरों को जागरूक कर रही है। ताकि ऐसे मरीजों का इलाज डॉक्टर दवाई से पहले प्रमाणित किए गए पोषक आहारों से कर सकें। फिजिशियन एसोसिएशन फॉर न्यूट्रिशन इंडिया (पैन इंडिया) की ओर से रविवार को जुहू में 11वां स्वास्थ्य शिक्षा सेमिनार आयोजित किया गया था। यह सेमिनार प्रमाणित पोषक आहारों पर डॉक्टरों का ध्यान केंद्रित और जागरूक करने के लिए किया गया था। इस सेमिनार में डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों ने हाइपर टेंशन, मधुमेह जैसी जीवनशैली आधारित बीमारियों को नियंत्रित करने और रिवर्स करने में पोषक आहार को उपचार में शामिल करने की भूमिका पर चर्चा की गई। इस दौरान कई डॉक्टरों ने वनस्पति पोषक आहार से उनकी बीमारी में आए सुधार के बारे में जानकारी भी साझा की है।
यह है उद्देश्य
पैन इंडिया की चिकित्सा सलाहकार डॉ. रूपा शाह ने बताया कि चिकित्सक सबसे पहले बीमारी की रोकथाम और इलाज के लिए पोषण की शक्ति का उपयोग नहीं करते हैं। अब समय आ गया है कि स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े पेशेवरों को नुस्खे से एक कदम पहले सोचना शुरू कर देना चाहिए। किसी जीवनशैली संबंधी बीमारी को प्रबंधित करने की तुलना में उसे रोकना कहीं अधिक आसान है। हमारा उद्देश्य मेडिकल स्टूडेंट और चिकित्सकों को शिक्षित करना है, जिससे वह वनस्पति पोषक आहार का उपयोग अपने रोगियों के इलाज के लिए प्रभावी रूप से कर सकें।
25 हजार डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य
पैन इंडिया की चिकित्सा निदेशक डॉ. रजीना शाहीन ने बताया कि पैन इंडिया का लक्ष्य पांच वर्षों में 25 हजार चिकित्सकों को प्रशिक्षित करना है, जो 250 मिलियन से अधिक लोगों की खाने की आदतों में बदलाव ला सकेंगे। उन्होंने बताया कि अभी तक 5 हजार से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें तीन हजार मेडिकल स्टूडेंट और दो हजार डॉक्टर शामिल हैं।
एम्स सहित सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रभाव
पैन इंडिया की प्रोग्राम मैनेजर श्रुति शर्मा ने बताया कि जोधपुर, नागपुर और बिलासपुर के एम्स मेडिकल कॉलेज सहित बेंगलुरू, कोयंबटूर, मैसूर, जलगांव और भरतपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पैन के प्रभाव पर प्रकाश डाला गया। इतना ही नहीं इन प्रमाणित पोषक आहारों को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर भी सहमति जताई गई।
Created On :   5 Feb 2024 8:18 PM IST