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मांगो पर प्रदर्शन: परीक्षा के बीच शिक्षकों का उत्तर पुस्तिका जांचने से इनकार, बारहवीं के नतीजों में हो सकती है देरी
- नतीजों के लिए विद्यार्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है
- उत्तर पुस्तिकाओं की जांच न करने का फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बारहवीं की परीक्षा निर्धारित समय पर शुरू तो हो गई है लेकिन नतीजों के लिए विद्यार्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि जूनियर कॉलेजों के शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाओं की जांच न करने का फैसला किया है। शिक्षकों का कहना है कि उनकी पिछले कई वर्षों से चली आ रही रिक्त पदों पर भर्ती, पुरानी पेंशन लागू करने जैसी मांगों को सरकार नजर अंदाज करती आ रही है।
पिछले वर्ष भी बहिष्कार का ऐलान किया गया था लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिका की जांच शुरू कर दी थी लेकिन इस बार फिर परीक्षा के समय ही शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाएं न जांचने का फैसला किया है। मुंबई रीजनल जूनियर कॉलेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष एस एल दीक्षित ने कहा कि बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं खासकर अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों में 50 फीसदी तक रिक्तियां हैं लेकिन नई नियुक्तियां नहीं हो रहीं हैं।
इसके अलावा राज्य सरकार के दूसरे कर्मचारियों को पदोन्नति दे दी गई है लेकिन शिक्षकों को पदोन्नति नहीं मिली जिसके चलते उन्हें वेतनवृद्धि भी नहीं मिली। इस तरह की मांगे हैं लेकिन सरकार लगातार टालमटोल कर रहे हैं इसलिए राज्यभर के जूनियर कॉलेजों के शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाओं की जांच न करने का फैसला किया है।
चीफ मॉडरेटर ने पुणे विभागीय शिक्षा मंडल को निवेदन के जरिए जानकारी दे दी कि जब तक मांगे मानी नहीं जाती आंदोलन जारी रहेगा और जूनियर कॉलेजों के शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं की भी जांच नहीं करेंगे। दरअसल परीक्षा के पहले दिन से ही उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाती है।
चीफ मॉडरेटर को बोर्ड के अधिकारी उत्तर पुस्तिका की जांच शुरू करने को कहते हैं लेकिन पहली बैठक में ही उत्तर पुस्तिका की जांच से इनकार कर दिया गया। दीक्षित ने कहा कि अगर सरकार मांगे मान लेती है तो हम समय पर उत्तर पुस्तिकाएं जांचने का काम पूरा कर देंगे जिससे विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी न हो।
Created On :   22 Feb 2024 9:32 PM IST