विधायकों की अयोग्यता मामला: शिवसेना उद्धव गुट फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, फैसले से पहले स्पीकर के सीएम से मिलने पर आपत्ति

शिवसेना उद्धव गुट फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, फैसले से पहले स्पीकर के सीएम से मिलने पर आपत्ति
  • उद्धव गुट फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
  • विधायकों की अयोग्यता फैसले से पहले स्पीकर के सीएम शिंदे की मुलाकात
  • शिवसेना उद्धव गुट ने जताई आपत्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना बनाम शिवसेना विवाद में उद्धव ठाकरे गुट फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला लेने में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उद्धव गुट ने एक हलफनामा दाखिल किया है।

हलफनामे में आरोप लगाया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने 7 जनवरी को मुख्यमंत्री शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात की, जब अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाए जाने में सिर्फ तीन दिन बचे है। उद्धव खेमे ने सवाल उठाया कि किसी मामले का जज कार्यवाहक ट्रिब्यूनल फैसला देने से पहले किसी एक पक्ष के साथ बैठक कैसे कर सकता है? हलफनामे में कहा गया है कि स्पीकर का सीएम शिंदे से मिलना बेहद अनुचित है।

खासतौर से शिंदे की अयोग्यता पर फैसले से तीन दिन पहले। 10वीं अनुसूची के तहत निर्णायक प्राधिकारी के रूप में स्पीकर को निष्पक्ष निष्पक्ष तरीके से कार्य करना आवश्यक है।

हलफनामे यह भी कहा गया है कि स्पीकर का वर्तमान कृत्य कानूनी कहावत का उल्लंघन है कि न्या न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि दिखना भी चाहिए। यह सुनील प्रभु द्वारा रिट याचिका में दायर किया गया है, जिसमें स्पीकर को अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्रता से निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की गई।

एकनाथ शिंदे ने जून 2022 को महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा तख्तापलट किया था। वे बीजेपी के साथ मिलकर सूबे के मुख्यमंत्री बन गए थे। नार्वेकर ने 7 जनवरी को मुख्यमंत्री शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात की थी, इस मुलाकात को विधायकों की अयोग्यता के फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री शिंदे और नार्वेकर के बीच मुलाकात में क्या बातचीत हुई, इसको लेकर सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं। अचानक राहुल नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुलाकात होने से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ गई है।

मामले में उनकी शिकायत के बाद उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को फैसला देने का आदेश दे दिया। इस पूरे प्रकरण में सुनवाई हुई और सबूतों, दस्तावेजों, दर्ज की गई गवाही के आधार पर मामले को जांचा परखा गया, लेकिन अब तारीख नजदीक आ गई है और फैसला लेना होगा।

Created On :   9 Jan 2024 9:22 PM IST

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