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मंशा पर सवाल: निजी स्कूलों की मनमानी रोकने बनी काजी समिति की रिपोर्ट दो साल बाद भी विचाराधीन
- सरकार की मंशा पर उठे सवाल
- फीस बढ़ोतरी से परिजन परेशान
- आरटीआई का जवाब मामला विचाराधीन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दादर स्थित इंटरनेशल स्कूल में बच्चे को दाखिला दिलाने के बाद संदेश माली (बदला हुआ नाम) को लग रहा था कि अब सबकुछ ठीक हो गया है। लेकिन कुछ दिनों पहले जब स्कूल ने उन्हें बताया कि उन्हें इस साल 14 फीसदी ज्यादा फीस देनी होगी तो वे परेशान हो गए। उन्होंने बताया कि जूनियर केजी में पढ़ने वाले बच्चे के लिए पिछले साल मैंने 75 हजार 500 रुपए भरे थे, लेकिन इस साल 86 हजार भरने को कहा जा रहा है।
वे अकेले नहीं है, राज्य के निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले लाखों अभिभावकों का यही हाल है क्योंकि राज्य सरकार करीब दो वर्षों से निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने का सुझाव देने वाली काजी समिति की रिपोर्ट दबाकर बैठी हुई है और निजी स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस वसूलने की छूट मिली हुई है।
आरटीआई का जवाब मामला विचाराधीन
महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी पालक शिक्षक महासंघ के मुंबई अध्यक्ष नितीन दलवी ने आरटीआई के तहत काजी समिति की रिपोर्ट के बाद उठाए गए कदम की जानकारी मांगी तो जवाब में बताया गया कि समिति के सुझावों को विचार के लिए विधि व न्याय विभाग के पास भेजा गया है। महासंघ की पुणे अध्यक्ष दीपाली सरदेशमुख ने कहा कि ज्यादातर शिक्षा संस्थान नेताओं के हैं और उन्हें ही कानून में बदलाव करना है तो वे अपने खिलाफ कानून क्यों बनाएंगे। उन्होंने इस पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है।
मार्च 2021 में गठित की गई थी समिति
निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर रोकने के लिए क्रीडा विभाग के संयुक्त सचिव इम्तियाज काजी की अध्यक्षता में मार्च 2021 में एक समिति बनाई थी। इसने जून 2022 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड को रिपोर्ट सौंपी थी। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी अब तक इस पर अमल नहीं हो पाया है।
Created On :   12 April 2024 3:32 PM GMT