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अदालत: होर्डिंग गिरने का मामला रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, कहा- सुरक्षा सुनिश्चित होगी
- रेलवे लाइनों पर होर्डिंग्स की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे
- मुंबई की मध्य और पश्चिमी रेलवे लाइनों पर होर्डिंग्स नहीं गिरेंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के मामले पर सुनवाई की। इस दौरान रेलवे ने अदालत को यह सुनिश्चित करने का भरोसा दिया कि मानसून में मुंबई की मध्य और पश्चिमी रेलवे लाइनों पर होर्डिंग्स नहीं गिरेंगे।
शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ ने गत सप्ताह मामले की सुनवाई के दौरान रेलवे और ग्रेटर मुंबई नगर निगम को ये सुनिश्चित करने को कहा था कि रेलवे या नगर निगम के स्वामित्व वाली किसी भी भूमि पर कोई अप्रिय घटना न हो। कोर्ट ने यह निर्देश रेलवे की भूमि पर होर्डिंग्स पर मुंबई नगर निगम अधिनियम के कुछ प्रावधानों की प्रयोज्यता के संबंध में ग्रेटर मुंबई नगर निगम द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के बाद पारित किया था।
जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने आज भी सुनवाई के दौरान मुंबई में मानसून के दौरान होर्डिंग गिरने के मुद्दे की निगरानी की आवश्यकता के बारे में चिंता व्यक्त की। सुनवाई के दौरान वकीलों ने मामले की सुनवाई छुट्टियों के बाद किए जाने का अनुरोध किया। इस पर जस्टिस कुमार ने पूछा, इस बीच अगर कुछ हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा? इस पर रेलवे की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने अदालत को बताया कि रेलवे मध्य और पश्चिमी रेलवे लाइनों में होर्डिंग्स की पूरी जिम्मेदारी लेता है और सुनिश्चित करता है कि मानसून के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो। ग्रेटर मुंबई नगर निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और बलबीर सिंह पेश हुए। अब इस मामले की सुनवाई 10 जुलाई को होगी।
रिपोर्ट के अनुसार होर्डिंग को सहारा देने वाले खंभे की नींव कमजोर थी और होर्डिंग का आकार मुंबई नगर निगम की दिशानिर्देशों के मुताबिक 40×40 वर्ग फीट के बजाय 120×120 वर्ग फीट था। इस घटना में 17 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि कई अन्य घायल हो गए।ो
Created On :   14 Jun 2024 8:34 PM IST