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छलका दर्द: पंकजा मुंडे ने कहा - प्रीतम का टिकट कटने का दुख हमेशा रहेगा, पूरी तरह खुश नहीं
- प्रीतम का टिकट कटने का दुख
- उम्मीदवारी मिलने से पूरी तरह से खुश नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई. भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने कहा कि मैं साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बीड़ सीट से उम्मीदवारी मिलने से पूरी तरह से खुश नहीं हूं। क्योंकि बीड़ सीट से वर्तमान सांसद तथा मेरे छोटी बहन प्रीतम मुंडे का टिकट कटा है। जिसका दुख मुझे हमेशा रहेगा। गुरुवार को पंकजा ने कहा कि मैं भाजपा से टिकट मिलने को सम्मान जरूरत मानती हूं। लेकिन प्रीतम का टिकट कटने से मेरे मन में दुख हमेशा रहेगा। जब तक प्रीतम का राजनीतिक पुनर्वसन नहीं हो जाता है तब तक मेरा दुख कायम रहेगा। पंकजा ने कहा कि टिकट मिलने का फैसला मेरे लिए चौंकाने वाला नहीं था क्योंकि मैं जानती थी कि मुझे अथवा प्रीतम दोनों में से किसी एक नेता को टिकट मिलेगा। पंकजा ने कहा कि मुझे पार्टी से इस तरह के फैसले की उम्मीद थी। क्योंकि महाराष्ट्र में तीन दलों की महायुति है। राकांपा (अजित) के सरकार में शामिल होने के बाद से ही मेरे विधानसभा सीट को लेकर सवाल खड़े हो गए थे क्योंकि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीड़ की परली सीट से मुझे हार मिली थी। फिलहाल परली सीट से प्रदेश के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे विधायक हैं। पंकजा ने कहा कि पार्टी ने उम्मीदवारी घोषित करके मुझपर विश्वास जताया है। यह मेरे लिए एक सम्मान है। मैं पार्टी के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करूंगी। पंकजा ने कहा कि मैंने उम्मीदवारी घोषित होने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात की है।
केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस ने दिखाए बगावती तेवर, हाजीपुर में चिराग के खिलाफ करेंगे दो-दो हाथ
उधर बिहार में चाचा-भतीजे के बीच जारी संग्राम ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। भाजपा ने भतीजा चिराग पासवान को तो पांच सीटें देकर मना लिया है, लेकिन चाचा पशुपति पारस ने नाराज हो गए हैं। बागी तेवर दिखाते हुए केन्द्रीय मंत्री और आरएलजेपी के प्रमुख पशुपति पारस ने हाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का एेलान किया है। उन्होंने कहा कि एनडीए में हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है और हमारी पार्टी के कार्यकर्त्ता निराश हैं। पशुपति पारस ने अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा,”मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सम्मान करता हूं। मैं एनडीए का बहुत छोटा सा हिस्सा हूं और वर्ष 2014 से हम बहुत ईमानदारी से साथ देते आ रहे हैं। लेकिन हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है”। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी दलितों की पार्टी है। मैं भाजपा की आधिकारिक सूची का इंतजार कर रहा हूं और इसके बाद ही कोई फैसला लूंगा। पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद उन्होंने भाजपा से आग्रह किया कि वह रालोजपा के पांच मौजूदा सांसदों की उम्मीदवारी पर फिर से विचार करे। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं हाजीपुर सीट से अवश्य चुनाव लड़ूंगा। यह भी कहा कि मेरे साथ बैठे मेरी पार्टी के तीन सांसद भी अपनी अपनी सीटों से चुनाव लड़ेंगे। इसके पहले लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी भाजपा के समर्थन से हाजीपुर से चुनाव लड़ने की बात कही है। ऐसे में माना जा रहा है कि पारस जल्द ही एनडीए छोड़ेंगे और हाजीपुर सीट पर चाचा और भतीजे के बीच जंग देखने को मिलेगी।
Created On :   15 March 2024 3:23 PM GMT