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बॉम्बे हाईकोर्ट: अजित पवार गुट की याचिका पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को जारी किया नोटिस
- याचिका में शरद पवार खेमे के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के स्पीकर के फैसले को दी गई है चुनौती
- एनसीपी विधायकों के अयोग्यता का मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और शरद पवार के एनसीपी गुट के 10 विधायकों को अयोग्य न ठहराने के स्पीकर के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुख्य सचेतक अनिल पाटिल ने दो याचिकाएं दायर की है। 14 मार्च को मामले की अगली सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति जी.एस.कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानमंडल सचिवालय को भी नोटिस जारी किया। अदालत ने याचिका में बनाई गई सभी पार्टियों को हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि स्पीकर द्वारा दिए गए प्रमुख निष्कर्ष उस हिस्से को छोड़कर अजीत पवार के पक्ष में थे, जहां 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया गया था। रोहतगी ने कहा कि स्पीकर ने फैसला सुनाया है कि अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ही असली राजनीतिक पार्टी है। यहां तक कि चुनाव आयोग ने भी अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन फिर भी 10 विधायक (शरद पवार के गुट से) अयोग्य नहीं ठहराए गए। यह सिर्फ आंतरिक विवाद का मामला नहीं है। 10 विधायकों के कार्य पार्टी के हितों के खिलाफ थे और इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था।
रोहतगी ने कहा कि स्पीकर ने गलत माना है कि यह पार्टी के भीतर आंतरिक कलह का मामला है, लेकिन यह हमारा मामला नहीं है। यह सिर्फ आंतरिक विवाद का मामला नहीं है। खंडपीठ ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और उन्हें हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिकाओं में अदालत से स्पीकर के हालिया आदेश को रद्द करने और सभी 10 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है। याचिकाओं में शरद पवार गुट के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने वाले नार्वेकर द्वारा पारित आदेश की वैधता, औचित्य और शुद्धता को चुनौती दी गई है।
जुलाई 2023 में अजीत और आठ विधायकों के शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद अजीत पवार और उनके चाचा शरद पवार के बीच खींचतान चल रही है। दोनों गुट मुख्य रूप से दो मुद्दों पर लड़ रहे थे। पार्टी किसकी है और क्या विपरीत गुट के विधायकों को दसवीं अनुसूची की धारा 2(1)(ए) के तहत अयोग्य ठहराया जा सकता है। चुनाव आयोग ने 7 फरवरी को इस विवाद का फैसला अजीत पवार के पक्ष में दिया था।
Created On :   21 Feb 2024 8:55 PM IST