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विधान परिषद: निकाय चुनाव का पता नहीं, रिक्त हो रही हैं सीटें, जून तक बढ़कर हो जाएगी 15
- जून तक स्थानीय प्राधिकारी कोटे की रिक्त सीटों की संख्या बढ़कर हो जाएगी 15
- जुलाई में विस सदस्यों के कोटे की 11 सीटें होंगी खाली
- विधान परिषद में रिक्त हो रही सीटें
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में नगर निकायों का चुनाव लंबित होने के कारण विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी कोटे की रिक्त सीटों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी कोटे की कुल 6 सीटें 21 जून तक रिक्त हो जाएंगी। इसमें भाजपा की 3, राकांपा (अजित) की 1, शिवसेना (शिंदे) की 1 और शिवसेना (उद्धव) की 1 सीट शामिल है, जबकि स्थानीय प्राधिकारी कोटे की 9 सीटें पहले से खाली पड़ी हैं। इस तरह जून तक स्थानीय प्राधिकारी कोटे की रिक्त सीटों की संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी, जबकि विधानसभा सदस्यों द्वारा निर्वाचित कोटे की 11 सीटें जुलाई में रिक्त होंगी। इनमें भाजपा की 4, शिवसेना (शिंदे) की 1, राकांपा (अजित) की 1, रासपा की 1, कांग्रेस की 2, शिवसेना (उद्धव) की 1 और शेकाप की 1 सीट का समावेश होगा। इसके अलावा विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की 12 सीटें लगभग पिछले चार साल से खाली हैं। विधानमंडल के सचिवालय की ओर से यह जानकारी मिली है। राज्य में ओबीसी आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जबकि राज्य में अधिकांश महानगर पालिकाओं, नगर पालिकाओं और जिला परिषदों का कार्यकाल 2022 में खत्म हो चुका है। पहले कोरोना महामारी और उसके बाद ओबीसी आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं हो पा रहे हैं, जबकि विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी कोटे की सीटों पर स्थानीय निकायों के सदस्य ही मतदान करते हैं। इससे स्थानीय निकायों का चुनाव होने के बाद ही स्थानीय प्राधिकारी कोटे की जून तक रिक्त होने वाली 15 सीटें भरी जा सकेंगी।
जून 2020 से रिक्त हैं राज्यपाल कोटे की सीटें
विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की 12 सीटें होती हैं। यानी राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिशों के अनुसार राज्यपाल विधान परिषद में 12 सदस्यों को नामित करते हैं, लेकिन विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की 12 सीटें जून 2020 से रिक्त हैं। राज्य में तत्कालीन ठाकरे सरकार ने 12 सीटों पर नियुक्ति के लिए तत्कालीन राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के पास सिफारिश भेजी थी, लेकिन कोश्यारी ने मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद शिंदे-फडणवीस सरकार ने राज्यपाल को भेजी गई ठाकरे सरकार की सिफारिश को वापस लेने का फैसला किया था। इससे राज्यपाल कोटे की 12 सीटें लगभग चार साल से रिक्त पड़ी हैं। अब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाला है। इससे माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे-फडणवीस-अजित सरकार राज्यपाल कोटे की सीटों पर नियुक्ति करने का फैसला कर सकती है।
स्थानीय प्राधिकारी कोटे की रिक्त होने वाली 6 सीटें
विप सदस्य सीट दल सेवानिवृत्त
अनिकेत तटकरे रायगड-रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग राकांपा (अजित) 31 मई
प्रवीण पोटे-पाटील अमरावती भाजपा 21 जून
रामदास आंबटकर वर्धा-चंद्रपुर-गड़चिरोली भाजपा 21 जून
सुरेश धस बीड़-लातूर-उस्मानाबाद भाजपा 21 जून
विप्लव बाजोरिया परभणी- हिंगोली शिवसेना (शिंदे) 21 जून
नरेंद्र दराडे नाशिक शिवसेना (उद्धव) 21 जून
विधानसभा सदस्यों द्वारा निर्वाचित रिक्त होने वाली 11 सीटें
विप सदस्य दल सेवानिवृत्त
भाई गिरकर भाजपा 27 जुलाई
निलय नाईक भाजपा 27 जुलाई
रामराव पाटील भाजपा 27 जुलाई
रमेश पाटील भाजपा 27 जुलाई
मनीषा कायंदे शिवसेना (शिंदे) 27 जुलाई
बाबाजानी दुर्राणी राकांपा (अजित) 27 जुलाई
महादेव जानकर रासपा 27 जुलाई
वजाहत मिर्जा कांग्रेस 27 जुलाई
प्रज्ञा सातव कांग्रेस 27 जुलाई
अनिल परब शिवसेना (उद्धव) 27 जुलाई
जयंत पाटील शेकाप 27 जुलाई
ये सीटें 9 सीटें अभी रिक्त
विधान परषद की स्थानीय प्राधिकारी कोटे की 9 सीटें फिलहाल रिक्त हैं। इसमें ठाणे, अहमदनगर, सोलापुर, जलगांव, सांगली- सातारा, नांदेड़, यवतमाल, पुणे और भंडारा-गोंदिया स्थानीय प्राधिकारी कोटे की सीट का समावेश है।
Created On :   29 May 2024 9:21 PM IST