पोषाहार: स्कूली विद्यार्थियों के लिए मंजूर नया मेन्यू, लगातार 12 दिन दिए जाएंगे अलग-अलग आइटम

स्कूली विद्यार्थियों के लिए मंजूर नया मेन्यू, लगातार 12 दिन दिए जाएंगे अलग-अलग आइटम
  • अंडा पुलाव न खाने वाले विद्यार्थियों को मिलेंगे फल
  • रोजाना स्प्राउट भी बनेगा पोषाहार का हिस्सा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वेजिटेबल पुलाव, अंडा पुलाव, मसाला भात, सोयाबीन पुलाव, उसल, खीर जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर विद्यार्थियों को दिए जाने वाले दोपहर के भोजन को और ज्यादा पौष्टिक और रुचिकर बनाने की तैयारी की जा रही है। जिस दिन अंडा पुलाव बनेगा उस दिन शाकाहारी विद्यार्थियों को स्थानी फल दिए जाएंगे। विद्यार्थियों को खाने के लिए रोजाना अंकुरित आहार (स्प्राउट्स) भी दिए जाएंगे। शिक्षा निदेशक (प्राथमिक) की अध्यक्षता में गठित समिति ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत दिए जाने वाले दोपहर के भोजन के मेनू को मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 15 प्रकार के खाद्यपदार्थ परोसे जाएंगे। जो मेनू तैयार किया गया है उसके मुताबिक लगातार 12 दिन विद्यार्थियों को अलग-अलग खाद्य पदार्थ दिए जाएंगे। खाद्य पदार्थ किस तरह तैयार किया जाना है इसकी रेसिपी भी जारी की गई है। साथ ही यह प्रति विद्यार्थी कितना खाद्यपदार्थ दिया जाना है इसकी मात्रा भी निर्धारित की गई है। स्कूली शिक्षा विभाग ने मंगलवार को इससे जुड़ा शासनादेश जारी किया है जिसके मुताबिक विद्यार्थियो को रोजाना तीन तरह का भोजन परोसा जाएगा जिससे वे ज्यादा चाव से खाना खाएं। खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाली सब्जियां, फल उगाने के लिए पारसबाग योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है।

यह है मेन्यू

वेजिटेबल पुलाव

मसाला भात

मटर पुलाव

मूंगदाल खिचड़ी

चना पुलाव

सोयाबीन पुलाव

मसूर पुलाव

अंडा पुलाव

अंकुरित मूंग का उसल

मीठी खिचड़ी

मूंग सेंग दाल चावल

चावल की खीर

रागी का सत्तू

अंकुरित स्प्राउट्स

रोजाना खाने में मिलेगा मीठा

विद्यार्थियों को खाने में मीठा खास पसंद है इसलिए शासनादेश में कहा गया है कि विद्यार्थियों के लिए सप्ताह में कम से कम चार दिन चावल की खीर परोसी जाए। इसके अलावा एक दिन रागी का सत्तू दिया जाए। संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि पकाया हुआ खाना बड़ी मात्रा में बच जाता है इसलिए वे विद्यार्थियों की इच्छा और जरूरत के मुताबिक निर्धारित मात्रा में ही खाना पकाएं।

Created On :   11 Jun 2024 9:20 PM IST

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