Mumbai News: आगामी सत्र से राज्य के स्कूलों में होगी नई शिक्षा नीति की शुरुआत

आगामी सत्र से राज्य के स्कूलों में होगी नई शिक्षा नीति की शुरुआत
  • पहली कक्षा के बच्चे पढ़ेंगे नई शिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्यक्रम
  • 2028-29 तक चलेगा चरणबद्ध बदलाव का सिलसिला
  • एनसीईआरटी की किताबें बनेंगी पाठ्यक्रम का हिस्सा

Mumbai News. राज्य के स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से चरणबद्ध तरीके से नई शिक्षा नीति लागू की जाएगी। इसी सत्र से पहली कक्षा के लिए नई पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके बाद 2026-27 शैक्षणिक सत्र के दौरान दूसरी, तीसरी और छठीं कक्षा की नई पाठ्यपुस्तकें पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेंगी। शैक्षणिक सत्र 2027-28 से पांचवीं, सातवीं, नौंवी और ग्यारहवीं की पाठ्यपुस्तकें बदलेंगी जबकि शैक्षणिक सत्र 2028-29 में आठवीं, दसवीं और बारहवीं की नई पाठ्यपुस्तकों के साथ नई शिक्षा नीति पूरे पाठ्यक्रम का हिस्सा हो जाएगी। राज्य के स्कूली शिक्षा एवं क्रीडा विभाग ने बुधवार 16 अप्रैल को नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर परिपत्र जारी किया है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य में स्कूली शिक्षा को चार हिस्सों में बांटा गया है। बालवाटिका के तीन वर्ष (केजी) और पहली, दूसरी कक्षा को बुनियादी स्तर माना गया है और तीन से आठ वर्ष के बच्चों को इन कक्षाओं में शिक्षा मिलेगी। 8 साल से 11 साल यानी तीसरी से पांचवीं तक को पूर्व तैयारी स्तर, 11 से 14 साल के छठीं, सातवीं और आठवीं कक्षा को पूर्व माध्यमिक स्तर और 14 से 18 वर्ष यानी नौवीं से 12वीं तक के चार वर्षों को माध्यमिक स्तर में रखा गया है। यानी शिक्षा को 5+3+3+4 के स्तर में बांटा गया है।

मराठी, अंग्रेजी स्कूलों में हिंदी भाषा अनिवार्य

राज्य सरकार की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि फिलहाल मराठी और अंग्रेजी माध्यम के सभी व्यवस्थापन के स्कूलों में सिर्फ दो भाषाएं पढ़ाई जातीं हैं लेकिन नई नीति के मुताबिक पहली से पांचवीं कक्षा तक के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य होगी। जबकि दूसरे माध्यम के स्कूलों में माध्यम की भाषा के साथ मराठी और अंग्रेजी अनिवार्य होगी। नए पाठ्यक्रम के मुताबिक नई किताबें तैयार की जा रहीं हैं जो चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

एनसीईआरटी की किताबें बनेंगी पाठ्यक्रम का हिस्सा

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में राज्य के मुताबिक जरूरी बदलाव कर पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। नई शिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्यक्रम में बुनियादी साक्षरता, संख्याज्ञान, शिक्षा का सर्वव्यापी, आनंददायक, रोचक सामग्री शामिल किया जाएगा। पाठ्यक्रम में तार्कशक्ति बढ़ाने और गैरजरूरी चीजें निकालने पर जोर दिया जाएगा। पाठ्यपुस्तकें तैयार करने और उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होगी। पाठ्यपुस्तक तैयार करते समय संबंधित विषय के विशेषज्ञ की भी मदद लेने के निर्देश दिए गए हैं।

Created On :   16 April 2025 10:02 PM IST

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