Mumbai News: सोलापुर के किसान ने सायन अस्पताल में तोड़ा दम, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

सोलापुर के किसान ने सायन अस्पताल में तोड़ा दम, डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
  • स्वास्थ्य मंत्री ने कहा जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई
  • परिजनों ने लगाया डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

Mumbai News, मोफीद खान। सोलापुर के किसान बालू कटके ने आखिरकार बुधवार सुबह पांच बजे मनपा के सायन अस्पताल में दम तोड़ दिया। किसान की मौत के लिए परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है। परिजनों का आरोप है कि जिंदगी और मौत से जूझ रहे बालू कटके डॉक्टरों की आपसी बहसबाजी की वजह से 24 घंटे तक अस्पताल के स्ट्रेचर पर पड़े रहे। आरोप है कि अस्पताल में 24 घंटे के बाद भर्ती करने के बाद भी डॉक्टरों ने 6 घंटे तक उपचार नहीं किया। इस लापरवाही की वजह से बालू कटके की मौत होने की बात परिजन कह रहे हैं।

सोलापुर के अकलूज ताहसील के 87 वर्षीय किसान एक सड़क हादसे में 11 फरवरी को घायल हुए थे। वहां के निजी अस्पताल में 23 दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष करने वाले बालू को इलाज के लिए सायन अस्पताल में 7 मार्च को लाया था। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण वे अस्पताल में 24 घंटे तक स्ट्रेचर पर पड़े रहे। आपदा विभाग के डॉक्टर अस्पताल के डीन के सर्कुलर के कारण भर्ती करने को तैयार नहीं थे। बालू कटके के बेटे विष्णु का कहना है कि डॉक्टरों का रवैया पहले से हीलापरवाही भरा था। उन्हें ट्रॉमा केयर सेंटर में रखने के बजाय वार्ड नंबर 41 में रखा गया। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें ट्रॉमा केयर सेंटर में स्थानांतरित कर दिया गया।

प्रकाश आबिटकर, स्वस्थ्य मंत्री के मुताबिक इस बारे में मुझे दैनिक भास्कर से जानकारी मिली है। सायन अस्पताल के डीन से बात करके इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

मोहन जोशी, डीन, लोकमान्य तिलक अस्पताल सायन के मुताबिक ब्रेन सर्जरी ऑपरेटेड मरीज को सोलापुर से 10 घंटे ट्रेवल कर सायन अस्पताल लाया गया था। वह पहले ही बेहद क्रिटिकल अवस्था में था। हमारे पास बिलकुल जगह नहीं थी। आईसीयू में गंभीर मरीज भर्ती थे, उन्हें बेड से हटाकर दूसरे को कैसे रख सकते हैं। फिर भी हमारी तरफ से बचाने का पूरा प्रयास किया गया। लेकिन हम बचा नहीं सके। हमने सांसद पाटील से बातकर उनको स्थिति की जानकारी दी थी।

संजय दीना पाटिल, सांसद, उत्तर-पूर्व लोकसभा के मुताबिक सायन अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बालू कटके नामक मरीज की जान चली गई। मुंबई मनपा आयुक्त भूषण गगरानी को एक समिति के माध्यम से इस मामले की जांच करनी चाहिए। अस्पताल के डीन अपनी मनमर्जी से निजी अस्पतालों से रेफर हुए मरीजों को भर्ती न करने का आदेश कैसे दे सकते हैं?


Created On :   12 March 2025 9:40 PM IST

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