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Mumbai News: जहाज निर्माण और मरम्मत नीति को मंजूरी, कृषि आधारभूत सुविधा के लिए नई योजना

- जहाज निर्माण और मरम्मत नीति को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी
- भिक्षागृह के व्यक्तियों को अब मिलेगा 40 रुपए मेहनताना
- राज्य में अब लागू होगी संशोधित फसल बीमा योजना
- कृषि आधारभूत सुविधा के लिए नई योजना
- टेमघर परियोजना के शेष काम के लिए 488 करोड़ रुपए मंजूर
- आधारभूत सुविधाओं को गति देने ‘महा इनविट’
Mumbai News. महाराष्ट्र में जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत और जहाज पुनर्चक्रण सुविधा नीति-2025 को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। राज्य में फिलहाल महाराष्ट्र समुद्री विकास नीति-2023 लागू है। इस नीति में अब जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत और जहाज पुनर्चक्रण सुविधा का समावेश किया गया है। देश में इस तरह की नीति बनाने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य है। इससे साल 2030 तक भारत का एक तिहाई जहाज का मरम्मत काम महाराष्ट्र में होने का अनुमान है। मंगलवार को मंत्रालय में राज्य के बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने यह जानकारी दी। नितेश ने बताया कि इस नीति के तहत राज्य में साल 2030 तक 6 हजार 600 करोड़ रुपए का निवेश का लक्ष्य है। इससे 40 हजार नौकरियों का सृजन का अनुमान है। जबकि साल 2047 तक महाराष्ट्र में 18 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। जिसके माध्यम से 3 लाख 30 हजार नौकरियों का निर्माण होने की संभावना है। नितेश ने बताया कि राज्य में 15 बंदरगाह संचालित है। मुंबई में नवंबर-दिसंबर 2025 के दौरान बंदरगाह कॉन्क्लेव आयोजित होगा। इस नीति से महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड (एमएमबी) का आर्थिक स्त्रोत भी बढ़ेगा। नितेश ने बताया कि जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत और जहाज पुनर्चक्रण के लिए युवाओं को विदेश में इंटर्नशिप की सुविधा प्रदान की जाएगी। नितेश ने बताया कि विश्व पटल पर जहाज निर्माण क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी महज 1 प्रतिशत है। जबकि चीन 50 प्रतिशत, साउथ कोरिया को 28 और जापान 15 प्रतिशत है। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र मेरिटाइम इंडिया विजन -2030 और मेरिटाइम अमृतकाल विजन -2047 की परिकल्पना की है। इसके तहत साल 2047 तक भारत को जहाज निर्माण में पहले पांच देश में शामिल करने का लक्ष्य है।
यह मिलेंगी सुविधाएं
इस नीति के तहत समुद्री शिपयार्ड समूह की स्थापना और जगह निश्चित (30 किमी परिधि में) की जाएगी। एकल शिपयार्ड और जहाज पुनर्चक्रण सुविधाओं का विकास, आधारभूत सुविधा, पूरक उद्योग और कौशल्य सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड की ओर से टेंडर जारी करके निजी कंपनी को जमीन का वितरण किया जाएगा। परियोजना की कुल कीमत का 15 प्रतिशत पूंजी निवेश अनुदान के रूप में निवेशक को दिया जाएगा। कौशल्य विकास के लिए 50 प्रतिशत आर्थिक सहायता अथवा एक करोड़, संशोधन और विकास सुविधा के लिए 60 प्रतिशत अथवा 5 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
भिक्षागृह के व्यक्तियों को अब मिलेगा 40 रुपए मेहनताना
वहीं राज्य के भिक्षागृहों में रहकर प्रशिक्षण रहने वाले व्यक्तियों अब प्रतिदिन 40 रुपए मेहनताना मिल सकेगा। पहले एक महीने के लिए केवल पांच रुपए मेहनताना मिलता था। राज्य मंत्रिमंडल ने मेहनताना बढ़ाकर प्रतिदिन लागू करने को मंजूरी दी है। इससे भिक्षागृहों में रहने वाले व्यक्तियों का साल 1964 के बाद पहली बार मेहनताना बढ़ाया गया है। राज्य में भीक मांगने वाले भिक्षुकों के पुनर्वसन के लिए 14 भिक्षागृह शुरू है। जिसमें 4 हजार 127 व्यक्तियों का पुनर्वसन किया गया है। भिक्षागृह संचालित करने वाली संस्थाओं की ओर से यहां पर रहने वाले व्यक्तियों को जीवनयापन के लिए खेती और लघु उद्योगों का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण लेने वाले व्यक्तियों को प्रति महीने पांच रुपए के बजाय अब हर दिन 40 रुपए दिया जाएगा। राज्य में महाराष्ट्र भीक मांगने पर प्रतिबंध कानून 1964 लागू है।
राज्य में अब लागू होगी संशोधित फसल बीमा योजना
सर्व समावेशी फसल बीमा योजना में बदलाव करके फसल कटाई प्रयोग विधि पर आधारित संशोधित फसल बीमा योजना लागू किया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने संशोधित फसल बीमा योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के तहत किसानों से खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसल के लिए 1.50 प्रतिशत और नकदी फसलों के लिए 5 प्रतिशत किश्त देना होगा। इस योजना को लागू करने के लिए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया लागू की जाएगी। राज्य में फिलहाल 26 जून 2023 के शासनादेश के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना की अवधि साल 2025-26 के रबी फसल सीजन तक थी। इसके लिए किसानों को केवल एक रुपए देना पड़ता था। लेकिन फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद सरकार ने योजना में संशोधन करने का फैसला लिया है।
देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री के मुताबिक राज्य सरकार ने किसानों के लिए एक रुपए में फसल बीमा योजना को लागू किया था। लेकिन इस योजना के तहत लाखों फर्जी आवेदन मिले थे। इससे करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार सामने आया था। इसके मद्देनजर अब सरकार ने संशोधित योजना को लागू करने का फैसला लिया है।
कृषि आधारभूत सुविधा के लिए नई योजना
कृषि में पूंजी निवेश बढ़ाकर आधारभूत सुविधा निर्माण पर जोर देने वाली नई योजना लागू करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे जलवायु अनुकूल खेती और शाश्वत विकास के लिए किसानों को सक्षम बनाया जा सकेगा। इस योजना के लिए अगले पांच साल के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे प्रति वर्ष पांच हजार करोड़ रुपए खर्च हो सकेगा। इस योजना के तहत अत्यल्प, अल्प भूधारक, दिव्यांग और महिला किसानों को प्राथमिका दी जाएगी।
टेमघर परियोजना के शेष काम के लिए 488 करोड़ रुपए मंजूर
पुणे के मुलशी तहसील के टेमघर परियोजना के बचे हुए काम और रिसाव को रोकने संबंधी प्रतिबंधक उपाय योजना के लिए 488 करोड़ 53 लाख रुपए खर्च के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। कृष्णा खोरे (घाटी) विकास महामंडल के माध्यम से परियोजना के तहत पुणे शहर और पांच कोल्हापुरी बांध बनाकर मुलशी तहसील के 9 गांवों में सिंचाई के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। लेकिन लीकेज के कारण बांध के पानी की पूरी क्षमता से इस्तेमाल नहीं हो पाता है। इसके मद्देनजर मंत्रिमंडल ने शेष काम और रिसाव को रोकने के लिए दूसरी संशोधित प्रशासनिक मंजूरी दी है।
आधारभूत सुविधाओं को गति देने ‘महा इनविट’
राज्य में सड़क और पुल आदि आधारभूत सुविधा परियोजनाओं को गति देने और पूंजी जुटाने के लिए ‘महा इनविट’ (महा- इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) स्थापित करने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने लिया है। सरकार ने महा इनविट के लिए विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) स्थापित करने का फैसला लिया है। इस फैसले से आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए निधि संकलन का नया मंच उपलब्ध हो सकेगा। निजी और सार्वजनिक निवेशकों को स्थिर रिर्टन का मौका मिल सकेगा। राज्य में दीर्घकालीन निवेश आकर्षित हो सकेगा।
Created On :   29 April 2025 9:29 PM IST