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Mumbai News: महेंद्र दलवी ने कहा - पालकमंत्री पद को लेकर अब आखिरी लड़ाई लड़ने का समय आ गया है

- रायगड में आदिति को एक मई को ध्वजारोहण की जिम्मेदारी मिली तो भड़का शिंदे गुट
- महेंद्र दलवी की हुंकार
- पालकमंत्री पद को लेकर अब आखिरी लड़ाई लड़ने का समय
- फडणवीस ने रायगड और नाशिक के पालकमंत्री पद की नियुक्ति पर लगाई हुई है रोक
Mumbai News. महायुति सरकार में रायगड और नाशिक के पालकमंत्री पद को लेकर विवाद सुलझने की बजाय उलझता ही जा रहा है। इस बीच राज्य सरकार ने एक मई को महाराष्ट्र दिवस के मौके पर रायगड में होने वाले ध्वजारोहण के लिए आदिति तटकरे को जिम्मेदारी दी गई है। सरकार के इस फैसले से शिवसेना (शिंदे) नेता और मंत्री भरत गोगावले के समर्थक नाराज हो गए हैं। शिंदे गुट के विधायक महेंद्र दलवी ने कहा है कि हम चाहते हैं कि गोगावले को पालकमंत्री पद मिलना चाहिए और ध्वजारोहण उनके द्वारा ही होना चाहिए। दलवी ने कहा कि पालकमंत्री पद को लेकर अब आखिरी लड़ाई लड़ने का समय आ गया है।
रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर उस समय मामला गरमा गया जब राज्य सरकार ने एक मई को महाराष्ट्र दिवस के मौके पर जिले में होने वाले ध्वजारोहण के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री आदिती तटकरे को जिम्मेदारी दे दी। इससे शिंदे गुट नाराज हो गया। शिंदे गुट के विधायक महेंद्र दलवी ने इशारा देते हुए कहा कि अब पालकमंत्री पद के लिए आखिरी लड़ाई लड़ने की बारी आ गई है। और इस लड़ाई को हम लड़ेंगे। दलवी ने कहा कि रायगड के लोगों की अपेक्षा है कि गोगावले को पालकमंत्री का पद दिया जाए। लेकिन गणतंत्र दिवस के मौके पर जिस तरह से आदिति को रायगड में ध्वजारोहण की जिम्मेदारी दी गई थी, उसी तरह अब महाराष्ट्र दिवस के मौके पर फिर से उन्हें ही जिम्मेदारी दी गई है, जिसका हम विरोध करेंगे। उधर राकांपा (अजित) प्रवक्ता संजय तटकरे ने कहा कि आदिति को ध्वजारोहण की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी है। अगर शिंदे के नेता इसका विरोध करते हैं तो यह महाराष्ट्र दिवस का विरोध करने जैसा होगा।
फडणवीस ने रायगड और नाशिक के पालकमंत्री पद की नियुक्ति पर लगाई हुई है रोक
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसी साल जनवरी महीने में राज्य के सभी जिलों के पालकमंत्री की घोषणा की थी। लेकिन रायगड और नाशिक के पालकमंत्री पद को लेकर शिंदे और अजित गुट आमने-सामने आ गए थे। यही कारण रहा था कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावोस दौरे के दौरान ही रायगड और नाशिक के पालकमंत्री की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। फडणवीस ने दोनों जिलों के पालकमंत्री पदों पर युति के तीनों नेताओं द्वारा बैठक कर कोई रास्ता निकालने की बात कही थी, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक रायगड और नाशिक के पालकमंत्री पद को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है।
Created On :   29 April 2025 9:32 PM IST