Mumbai News: फटकार के बाद एमएमआर में पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले वाहनों पर लगेगी रोक!

फटकार के बाद एमएमआर में पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले वाहनों पर लगेगी रोक!
  • सरकार ने महानगर में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को अनुमति देने गठित की अध्ययन समिति
  • देवांग गिरीश व्यास ने बॉम्बे और गुजरात के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद से दिया इस्तीफा
  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीखने की अक्षमता वाले छात्रों के लिए मौखिक परीक्षा के अनुरोध को लेकर दायर जनहित याचिका का किया निपटारा

Mumbai News. प्रदेश सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले वाहनों पर रोक लगाकर केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अनुमति देने के संबंध में समिति गठित की है। राज्य के पूर्व आईएएस अफसर सुधीर कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सात सदस्यी समिति बनाई है। बुधवार को राज्य के परिवहन विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। बीते 9 जनवरी को बाम्बे हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर फटकार लगाई थी। सरकार ने समिति को हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन करके तीन महीने में सिफारिश के साथ रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इस समिति को अध्ययन और रिपोर्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ व्यक्ति को सह सदस्य के रूप में शामिल करने और अभिप्राय प्राप्त करने का अधिकार होगा। सरकार की ओर से गठित समिति के सदस्य के रूप में परिवहन आयुक्त विवेक भिमनवार, सह पुलिस आयुक्त (परिवहन), महानगर गैस निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, महावितरण के परियोजना निदेशक, सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के अध्यक्ष को शामिल किया गया है। जबकि सह परिवहन आयुक्त समिति के सदस्य सचिव होंगे। इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि मुंबई में वाहनों की बढ़ती संख्या व प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए की जाने वाली उपाय योजना कम पड़ रही है। वाहनों से होने वाला उत्सर्जन वायू प्रदूषण का मुख्य कारण है। मुंबई शहर का जनजीवन, पर्यावरण और कार्यक्षमता पर नकारात्मक परिणाम हो रहा है।

देवांग गिरीश व्यास ने बॉम्बे और गुजरात के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद से दिया इस्तीफा

वहीं देवांग गिरीश व्यास ने महाराष्ट्र और गुजरात के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया। वह 12 साल से गुजरात और 2 साल से बॉम्बे हाई कोर्ट में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद कार्यरत थे। उन्होंने एल्गर परिषद मामले में आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का प्रतिनिधित्व किया। देवांग गिरीश व्यास ने मंगलवार को कानून मंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया। व्यास ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। वह मुंबई में एक वकील के रूप में काम करते रहेंगे। उन्होंने 12 साल तक अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया और जुलाई 2023 में बॉम्बे हाई कोर्ट में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्यभार संभाला। व्यास को जनवरी 2022 में गुजरात हाई कोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता का पद प्रदान किया था। वह अनिल सिंह से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पदभार संभाला था, जो 9 साल तक उस पद पर कार्यरत रहे।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीखने की अक्षमता वाले छात्रों के लिए मौखिक परीक्षा के अनुरोध को लेकर दायर जनहित याचिका का किया निपटारा

उधर बॉम्बे हाईकोर्ट ने डिस्ग्राफिया (सीखने की अक्षमता वाले छात्र) से पीड़ित छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाओं में मौखिक परीक्षा के अनुरोध को लेकर दायर जनहित याचिका का निपटारा कर दिया। अदालत ने माना कि राज्य सरकार की नीति में डिस्ग्राफिया से पीड़ित छात्रों के लिए लेखकों का प्रावधान किया गया है। मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ के समक्ष सामाजिक संस्था शुभमकरोती चैरिटेबल ट्रस्ट की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जनहित याचिका में डिस्ग्राफिया से पीड़ित छात्रों के लिए मौखिक परीक्षाओं की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि सरकार ने आवश्यक सरकारी संकल्प जारी किए हैं, जिसके तहत ऐसे छात्रों को लेखकों की अनुमति दी गई है। वे परीक्षा के दौरान अपने उत्तर लिखवा सकते हैं। साथ ही सरकार द्वारा ऐसी विकलांगता से पीड़ित एसएससी छात्रों के लिए 30 मिनट और एचएससी छात्रों के लिए 1 घंटे का अतिरिक्त समय प्रदान करने की नीति भी बनाई गई है। पीठ ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस तरह की विकलांगता से पीड़ित छात्रों को बोर्ड की नीति के अनुसार आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस जनहित याचिका में आगे कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है।

Created On :   22 Jan 2025 9:16 PM IST

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