Mumbai News: 60 लाख की रिश्वत मामले में जीएसटी अधीक्षक सचिन गोकुलका समेत दो को मिली जमानत

60 लाख की रिश्वत मामले में जीएसटी अधीक्षक सचिन गोकुलका समेत दो को मिली जमानत
  • सीबीआई 60 दिनों में आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने में रही असफल
  • सीबीआई अदालत से 60 लाख की रिश्वत मामले में जीएसटी अधीक्षक सचिन गोकुलका समेत दो सीए को मिली जमानत

Mumbai News : सीबीआई अदालत ने एक व्यवसायी से 60 लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधीक्षक सचिन गोकुलका और दो चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को जमानत दे दी। सीबीआई ने गोकुलका के अलावा सीए राज अग्रवाल और अभिषेक मेहता को 6 सितंबर को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। सीबीआई 60 दिन की सीमा के भीतर उनके खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने में विफल रही, जिससे उन्हें डिफाल्ट जमानत मिल गयी। गोरेगांव के ओनिक्स फार्मा के व्यवसायी करण रावल की शिकायत पर सीबीआई ने सचिन गोकुलका, दो सीए राज अग्रवाल और अभिषेक मेहता के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के मुताबिक गोकुलका ने 4 सितंबर को रावल को कुछ लेन-देन के मामले में बुलाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि संक्षिप्त पूछताछ के बाद गोकुलका और अन्य अधिकारियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। उन्हें 18 घंटे तक हिरासत में रखा और उनकी रिहाई के लिए 80 लाख रुपए रिश्वत की मांग की। जीएसटी चोरी के मामले में उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी गई। गोकुलका से मिलने सीए अग्रवाल जीएसटी कार्यालय गए, जिसके बाद रावल को 5 सितंबर को सुबह 8 बजे रिहा कर दिया गया।

बाद में रावल को अपने चचेरे भाई हर्षिल दोशी से पता चला कि अग्रवाल से इस मुद्दे को सुलझाने में मदद करने के लिए संपर्क किया गया था, जिसके कारण 60 लाख रुपए की मांग की गई। उन्होंने कथित तौर पर अग्रवाल के माध्यम से 30 लाख रुपए का भुगतान किया। इसके बाद रावल ने सीबीआई से इसकी शिकायत की। सीबीआई ने सत्यापन के बाद 6 सितंबर को ट्रैप लगाकर गोकुलका और उनके लिए पैसे की उगाही करने वाले दो सीए को गिरफ्तार किया। तीनों आरोपियों ने सीबीआई अदालत में डिफॉल्ट जमानत के लिए याचिका दायर की। अदालत ने उन्हें डिफॉल्ट जमानत दे दी।

Created On :   7 Nov 2024 4:25 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story