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Mumbai News: वेतन में ही खर्च चलाएं सरकारी अधिकारी और कर्मचारी, महासंघ ने शुरू किया अभियान
- महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ ने शुरू किया अभियान
- कुलथे बोले- अधिक वेतन पाने वाले कर्मी ज्यादा करें काम
Mumbai News. महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ ने राज्य सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों से सरकारी वेतन से ही खर्च चलाने के लिए आह्वान किया है। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अधिकारी महासंघ ने वेतन में ही खर्च चलाने के लिए अभियान शुरू किया है। सरकारी कर्मचारियों को ईमानदारी और पारदर्शी कामकाज के लिए दस सूत्री कार्य संस्कृति की रूपरेखा बनाया है। इस अभियान के बारे में अवगत करने के लिए चार पन्ने की एक छोटी पुस्तिका छापा है। जिसको राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों के पास भेजा रहा है। मंत्रालय में बुधवार को राजपत्रित अधिकारी महासंघ के संस्थापक व मुख्य सलाहकार जी डी कुलथे ने यह जानकारी दी। कुलथे ने कहा कि राज्य के 80 प्रतिशत कर्मी ईमानदारी से काम करते हैं। केवल 20 प्रतिशत कर्मी ही भ्रष्ट रास्ता अपनाते हैं। इसको रोकने के लिए मंत्रालय और सरकार के सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक भी आयोजित की जाती है। कुलथे ने कहा कि सरकारी कर्मी जनता के सेवक होते हैं। इसलिए जिन कर्मियों का वेतन ज्यादा है उन्हें अधिक काम करना चाहिए। क्योंकि उनकी जिम्मेदारी अधिक होती है। कर्मियों के कामकाज से ही जनता के बीच सरकार की छवि बनती है। सरकार कर्मी जिम्मेदारी पहचानकर काम करें। कुलथे ने कहा कि कई मनपा के अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त पाए जाते हैं। कई अधिकारी कुछ (रिश्वत) लिए बिना काम नहीं करना चाहिए। अधिकारियों की यह प्रवृत्ति निंदाजनक हैं। कुलथे ने कहा कि अधिकारी महासंघ कभी भी भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी कर्मियों के तबादले की सिफारिश नहीं करता है।
जनता का घंटे पर बैठना उचित नहीं
कुलथे ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को कार्यालयों में आने वाले लोगों को कई घंटों तक बैठाकर रखना उचित नहीं है। अधिकारियों को प्राथमिकता के अनुसार कार्यालय में आने वाले लोगों की समस्याएं सुलझाना चाहिए। कुलथे ने कहा कि मंत्रियों को भी लोगों को घंटे-घंटे बैठाकर नहीं रखना चाहिए।
महिला अधिकारियों का सुविधाजनक जगह पर हो तबादला
कुलथे ने कहा कि महिला कर्मियों के लिए कई जगह पर शौचालय भी उपलब्ध नहीं होते हैं। इसलिए महिला कर्मियों का तबादला उसी जगह पर होना चाहिए, जहां पर सभी सुविधाएं हो। इसके अलावा सरकार को तबादले रोटेशन के आधार पर ही करना चाहिए।
60 साल से अधिक आयु के मंत्री हैं तो अधिकारी क्यों नहीं ?
कुलथे ने कहा कि केंद्र सरकार ने साल 1998 में केंद्रीय कर्मियों की सेवानिवृत्त आयु 58 साल से बढ़ाकर 60 साल की गई थी। इसके बाद देश भर में 25 राज्यों ने सेवानिवृत्त की आयु 60 साल की है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार सेवानिवृत्त की आयु 58 साल से बढ़ाकर 60 साल नहीं कर रही है। कुलथे ने कहा कि राज्य में कई मंत्रियों की आयु 60 साल से अधिक है। यदि 60 साल से अधिक आयु वाले मंत्री काम कर सकते हैं तो अधिकारी भी सेवाएं दे सकते हैं। केंद्र सरकार महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश दो साल तक देती है। लेकिन राज्य में महिला कर्मियों को मातृत्व अवकाश केवल छह महीने के लिए दी जाती है। राज्य सरकार को भी महिला कर्मियों के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि बढ़ानी चाहिए।
33 प्रतिशत पद रिक्त
कुलथे ने कहा कि राज्य के सभी वर्गों का मिलाकर लगभग 33 प्रतिशत पद रिक्त है। सरकार को यह पद राज्य लोकसेवा आयोग के जरिए भरना चाहिए।
Created On :   22 Jan 2025 9:58 PM IST