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Mumbai News: दैनिक भास्कर की खबर की विधान परिषद में गूंज, डैनेज पैलेट घोटाले में शामिल अधिकारियों पर गाज

- डैनेज पैलेट घोटाले में शामिल अधिकारियों और ठेकेदार पर होगी कड़ी कार्रवाई : अजित पवार
- उपमुख्यमंत्री ने सदन में कहा, कुछ अधिकारी ठेकेदार के पक्ष में बोल रहे हैं
Mumbai News. सोमदत्त शर्मा। दैनिक भास्कर की खबर का एक बार फिर असर हुआ है। सोमवार को विधानमंडल के बजट सत्र में 'विधान परिषद' में शिवसेना (शिंदे) सदस्य कृपाल तुमाने ने डैनेज पैलेट घोटाले का मुद्दा उठाते हुए अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया। तुमाने ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान विधान परिषद में कहा कि राज्य के सरकारी अनाज गोदामों में डैनेज पैलेट की आपूर्ति के लिए श्री बालाजी एंड कंपनी जनरल मटेरियल सप्लायर, गोंदिया को ठेका दिया गया था, लेकिन कंपनी ने तमाम नियमों और कानून को धता बताते हुए यह ठेका हासिल किया। तुमाने ने आरोप लगाया कि ठेकेदार ने इस योजना के तहत निम्न स्तर के डैनेज पैलेट लगाए हैं। इतना ही नहीं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार को बिल से भी 5 करोड़ से ज्यादा का भुगतान कर दिया है। इस पर जवाब देते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे अजित पवार ने कहा कि प्रथम दृष्टि में जांच में इस तरह की बात भी सामने आई है कि अधिकारियों ने जानबूझकर डैनेज पैलेट उपलब्ध कराने वाली कंपनी के ठेकेदार को अवैध रूप से मदद पहुंचाई है। अजित ने कहा कि इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं, टेंडर को स्थगित कर दिया गया है। जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने इस घोटाले के संबंध में 27 फरवरी को खबर प्रकाशित की थी।
क्या है मामला?
21 जून 2024 को राज्य सरकार ने गोंदिया की एक फर्म श्री बालाजी एंड कंपनी जनरल मटेरियल सप्लायर को राज्यभर के सरकारी गोदामों में डैनेज पैलेट लगाने का ठेका दिया था। ठेके के मिलने के कुछ दिन बाद ही तत्कालीन सांसद कृपाल तुमाने ने एकनाथ शिंदे से इस ठेके में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। तुमाने ने इस संबंध में 13 अगस्त 2024 को एक शिकायती पत्र दिया था, जिसमें शिंदे ने इस ठेके की जांच कर उचित कार्रवाई का आदेश तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को दिया था। लेकिन भुजबल ने इस मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जांच का कोई आदेश नहीं दिया। इस दौरान अधिकारियों ने नियमों और शर्तों को नजरअंदाज करते हुए कंपनी को बिल (31 करोड़ 50 लाख) से 5 करोड़ अधिक की राशि का भुगतान भी कर दिया।
दैनिक भास्कर ने प्रकाशित की थी खबर
दैनिक भास्कर ने इस संबंध में 27 फरवरी को खबर प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश के बावजूद तत्कालीन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने इस घोटाले के आरोपों की जांच कई महीनों तक नहीं की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने इसी साल 12 जनवरी को इस ठेके में हुई अनियमितताओं की शिकायत तत्कालीन मंत्री धनंजय मुंडे से की। इसके बाद मुंडे ने इस मामले की जांच के आदेश दिए।
सदन में अजित ने क्या कहा?
सोमवार को सदन में अजित पवार ने लगे आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि इस संबंध में कृपाल तुमाने ने जो आरोप लगाए हैं, वह काफी गंभीर हैं। अजित ने कहा कि धनंजय मुंडे के इस्तीफा देने के बाद यह विभाग 15 दिन पहले ही उनके पास आया है, लेकिन इस मामले में टेंडर को स्थगित कर दिया गया है। अजित ने कहा कि राज्य सरकार निम्न स्तर के सामान से समझौता नहीं कर सकती है। हम पारदर्शी तरीके से सरकार चला रहे हैं। मुझे जानकारी मिली है कि कुछ अधिकारी ठेकेदार के पक्ष में बोल रहे हैं, लेकिन मैं अपनी कार्य शैली के अनुसार कार्रवाई करूंगा। इस मामले में दोषी अधिकारियों के साथ-साथ ठेकेदार पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी
Created On : 24 March 2025 3:55 PM