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Mumbai News: बिरयानी बनी बला - गले में फंसी चिकन की हड्डी नाक के पिछले हिस्से से निकली
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- एक हड्डी के लिए युवक की हुई तीन सर्जरी
- गले में फंसी चिकन की हड्डी नाक के पिछले हिस्से से निकली
- हड्डी निकालने के लिए पूरी गर्दन खोलनी पड़ी
Mumbai News. कुर्ला के रहनेवाले एक युवक को चिकन बिरयानी खाना इतना महंगा पड़ गया कि गले मे फंसी चिकन की हड्डी को निकालने के लिए उसकी तीन सर्जरी की गई। तीन सर्जरी इसलिए क्योंकि जब गले की हड्डी निकालने के लिए डॉक्टरों ने गर्दन की सर्जरी की तो हड्डी वहां नहीं मिली। इस हड्डी को ढूंढने के लिए डॉक्टरों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक्सरे, सिटी स्कैन और दूरबीन से जांच करने के बाद हड्डी नाक के पिछले हिस्से में मिली। युवक को बिरयानी की बला से मुक्ति दिलाने के लिए करीब साढ़े आठ घंटे तक सर्जरी चली।
कुर्ला का 30 वर्षीय युवक गले में सूजन, सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के इलाज के लिए क्रिटिकेयर अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. संजय हेलाले के पास पहुंचा था। जांच में गले में चिकन की हड्डी फंसी हुई दिखी। डॉ. हेलाले ने बताया कि हड्डी इतनी नुकीली थी कि इसने अन्न नलिका के दोनों छोर को क्षतिग्रस्त कर दिया था। अन्न नलिका क्षतिग्रस्त होने के कारण अंदर मवाद भर गया था। इंफेक्शन को दूर करने के लिए उसे तीन दिनों तक इंजेक्शन पर रखा गया। डॉ. हेलाले ने बताया कि सर्जरी के लिए उनके साथ डॉ. सईदा खान, डॉ. रत्नाकर, डॉ. केयूर शेठ, डॉ. अमित गांधी और डॉ. पत्रावाला की टीम गठित की गई।
हड्डी निकालने के लिए पूरी गर्दन खोलनी पड़ी
डॉ. हेलाले ने बताया कि दिमाग को खून की आपूर्ति करनेवाली नस के पास हड्डी होने के कारण एंडोस्कोपी के जरिये इसे निकालना संभव नहीं था। इसलिए गर्दन को सर्जरी के जरिये खोलकर हड्डी निकालने का निर्णय लिया गया।
गर्दन की सर्जरी में नहीं मिली हड्डी
डॉ. हेलाले ने बताया कि सर्जरी करने से पहले की गई सीटी स्कैन और दूरबीन जांच में हड्डी अन्न नलिका में फंसी हुई दिखी थी। इसके तहत गर्दन की सर्जरी की गई लेकिन जब गर्दन को सर्जरी के जरिये खोला गया तो हड्डी गायब थी। हड्डी को ढूंढने के लिए फिर से मरीज के गर्दन और पेट का एक्सरे किया गया। जिसमें कहीं भी हड्डी नहीं दिखी। ऑपेरशन के दौरान ही बेहोशी की हालत में मरीज को सिटी स्कैन के लिए ले जाया गया। सिटी स्कैन में हड्डी नाक के पिछले हिस्से में सर्वाइकल के पास मिली। फिर एंडोस्कोपी की मदद से नाक के जरिये हड्डी को निकाला गया। डॉ. हेलाले ने बताया कि सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी जो सफल रही। मरीज को एक महीने तक मुंह से खाने के लिए मना किया गया है।
Created On :   17 Feb 2025 10:10 PM IST