Mumbai News: मंत्री धनंजय मुंडे को फैमिली कोर्ट से बड़ा झटका, 2 लाख अंतरिम भरण-पोषण देने का आदेश

मंत्री धनंजय मुंडे को फैमिली कोर्ट से बड़ा झटका, 2 लाख अंतरिम भरण-पोषण देने का आदेश
  • कोर्ट ने मुंडे को अलग रह रही पत्नी और बेटी को प्रति माह 2 लाख अंतरिम भरण-पोषण का दिया आदेश
  • मंत्री धनंजय मुंडे को फैमिली कोर्ट से बड़ा झटका

Mumbai News. बांद्रा फैमिली कोर्ट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अजीत गुट नेता और राज्य के मंत्री धनंजय मुंडे को झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें उनकी अलग रह रही पत्नी करुणा शर्मा और बेटी को 2 लाख रुपए प्रति माह अंतरिम भरण-पोषण देने का आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट ने अभी तक उनकी मुख्य याचिका के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मुंडे की पहली पत्नी शर्मा ने उनके खिलाफ 2020 में फैमिली कोर्ट में घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत अंतरिम भरण-पोषण और मुआवजे की मांग की थी। मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट ए.बी.जाधव ने उनकी याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और मुंडे को अंतरिम भरण-पोषण के रूप में पत्नी को 1 लाख 25 हजार रुपए प्रति माह और बेटी को 75 हजार रुपए प्रति माह देने का निर्देश दिया। न्यायाधीश जाधव ने उनके दूसरे बच्चे को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि बेटा होने के नाते वह भरण-पोषण का हकदार नहीं है, क्योंकि वह वयस्क हो गया है। जबकि बेटी अपनी शादी तक पिता से भरण-पोषण पाने की हकदार है। न्यायाधीश जाधव ने यह भी कहा कि पत्नी और बेटी बुनियादी आवश्यकताओं, उनकी आय और जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत प्रदान की गई आर्थिक राहत के रूप में भरण-पोषण पाने के हकदार हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी कि याचिकाकर्ता को प्रतिवादी की जीवनशैली के अनुसार जीवन जीने का अधिकार है। पति की जीवन शैली विलासितापूर्ण है। उसने उसे भरण-पोषण का कोई साधन उपलब्ध नहीं कराया है। इसलिए उसकी आय और विलासितापूर्ण जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रतिमाह भरण-पोषण प्रदान किया जाए। मुंडे के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता व्यवसायी महिला है। वह तीन कंपनियों की निदेशक है। यहां तक कि उसका कपड़े के आयात-निर्यात का व्यवसाय भी है, लेकिन उसने उन व्यवसायों से अपनी आय के स्रोत को छिपा कर आवेदन दायर किया है। इसलिए याचिकाकर्ता मांगी गई किसी भी राहत के हकदार नहीं हैं।

पहले से ही मुंडे अपने गृह क्षेत्र बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के एक मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। अब घरेलू हिंसा के मामले में फैमिली कोर्ट के फैसले ने उनके विरोधियों को उन्हें घेरने का नया अवसर दे दिया है।

Created On :   6 Feb 2025 9:49 PM IST

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