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लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे: मनसे महायुति का हिस्सा नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी को दिया बिना शर्त समर्थन
- राज ठाकरे ने कहा - यह समर्थन केवल नरेंद्र मोदी के लिए
- मनसे महायुति का हिस्सा नहीं बल्कि दिया बिना शर्त समर्थन
- समर्थन की ऐवज में नहीं चाहिए कोई सीट
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मनसे महायुति के घटक दल भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) को बिना शर्त समर्थन दे रही है। मनसे का यह समर्थन केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए है। राज ने कहा कि मुझे इस समर्थन की ऐवज में राज्यसभा और विधान परिषद की सीटें नहीं चाहिए। इससे साफ हो गया है कि मनसे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने मनसे के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को साल 2024 में ही होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को राज ने दादर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज मैदान में गुढी पाडवा के मौके पर आयोजित सभा को संबोधित किया। इस सभा में राज ने महायुति को समर्थन देने की घोषणा की। राज ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोकसभा चुनाव में मनसे को सीटें देने को लेकर चर्चा की थी। लेकिन मैंने उनसे साफ कह दिया कि मुझे सीट बंटवारे के पचड़े में नहीं पड़ना है। मेरी कोई अपेक्षा भी नहीं है। मेरी प्रधानमंत्री से काफी अपेक्षाएं हैं। देश को अगले पांच साल के लिए एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है। राज ने कहा कि मैं देश में पहला ऐसा व्यक्ति हूं जिसने गुजरात दौरे के बाद कहा था कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए। लेकिन बाद में मैंने उनके कामों को देखकर मोदी की कड़ी आलोचना भी की। परंतु जिस तरह से शिवसेना (उद्धव) के पक्ष प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना (उद्धव) के सांसद संजय राऊत पीएम मोदी पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हैं उस तरह से मैंने कभी भी मोदी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। राज ने कहा कि मुझसे पिछले एक-डेढ़ साल से मुख्यमंत्री शिंदे कह रहे थे कि हमें साथ में मिलकर कुछ करना चाहिए। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मुझसे यही बात कह रहे थे। इसलिए मैंने दिल्ली जाकर शाह से मुलाकात की थी।
मैं दूसरे के हाथ के नीचे काम नहीं कर सकता
राज ने कहा कि मैं किसी शिवसेना का अध्यक्ष नहीं बनूंगा। मैं मनसे का अध्यक्ष बना रहूंगा। यदि मुझे शिवसेना का प्रमुख बनना होता तो मैं तभी शिवसेना (अविभाजित) का प्रमुख बन गया होता। जब मैं शिवसेना को छोड़कर आ रहा था, तब मेरे घर पर शिवसेना के 32 विधायक और 6-7 सांसद आए थे। उन्हें लगा था कि मैं कांग्रेस में शामिल हो जाऊंगा क्योंकि उस समय कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन मैंने सभी लोगों से स्पष्ट कह दिया था कि मुझे शिवसेना को तोड़कर कुछ नहीं करना है। मैं नया दल स्थापित करूंगा, लेकिन किसी के हाथ के नीचे काम नहीं कर सकता हूं। मैं शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ के नीचे काम नहीं कर सकता हूं। फिर भी मैंने एक (उद्धव ठाकरे) व्यक्ति को मौका दिया था लेकिन उन्हें समझ में ही नहीं आया। राज ने साफ किया कि हमारी पार्टी किसी दूसरे दल के चुनाव चिन्ह पर कोई चुनाव नहीं लड़ेगी।
डॉक्टरों और नर्स चुनावी ड्यूटी पर न जाएं
राज ने कहा कि चुनाव आयोग ने मुंबई मनपा के अस्पतालों के डॉक्टरों और नर्सों की चुनावी ड्यूटी लगाई है। डॉक्टर और नर्से अस्पतालों में जाकर काम करें, मैं दखता हूं कि डॉक्टर और नर्सों को नौकरी से कौन निकालता है? राज ने कहा कि चुनाव आयोग समानांतर व्यवस्था क्यों नहीं तैयार करता? हर चुनाव में शिक्षकों, डॉक्टरों और दूसरे सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी क्यों लगाई जाती है?
Created On :   10 April 2024 11:22 AM GMT