हेट स्पीच का मामला: मुंबई और मीरा रोड-भायंदर-वसई-विरार पुलिस आयुक्त को ऑडियो-वीडियो देख कार्रवाई का निर्देश

मुंबई और मीरा रोड-भायंदर-वसई-विरार पुलिस आयुक्त को ऑडियो-वीडियो देख कार्रवाई का निर्देश
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार
  • 15 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई
  • कथित नफरत फैलाने वाला भाषण देने के खिलाफ दो याचिकाएं दाखिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कथित नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले में पुलिस को फटकार लगाई। अदालत ने मुंबई और मीरा रोड-भायंदर-वसई-विरार के पुलिस आयुक्त को बीजेपी के नितेश राणे, गीता जैन और तेलंगाना विधायक टी.राजा के भाषणों के आडियो एवं वीडियो देख कर कार्रवाई का निर्देश दिया है। याचिका में राणे के भाषण देने के बाद मीरा रोड-भायंदर-वसई-विरार के पुलिस आयुक्तालय में प्रेस कांफ्रेंस करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। 15 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को वरिष्ठ वकील गायत्री सिंह, वकील जय हीरेमठ और वकील हमजा लकड़ावाला की ओर से दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान सरकारी की ओर से वकील हितेन वेनेगावकर पेश हुए। खंडपीठ ने चिंता व्यक्त की कि विधायक नितेश राणे को इस साल 23 जनवरी को मीरा रोड-भायंदर-वसई-विरार के पुलिस आयुक्तालय के प्रेस कक्ष में प्रेस कांफ्रेंस करने की अनुमति क्यों दी गई? आरोप है कि प्रेस कांफ्रेंस में राणे नफरत भरे भाषण दिए थे। खंडपीठ ने कहा कि अगर कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं की गई, तो नागरिकों का पुलिस पर से भरोसा उठ जाएगा। खंडपीठ ने मुंबई और मीरा रोड-भायंदर-वसई-विरार पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वे विधायक नीतीश राणे, विधायक गीता जैन और विधायक टी राजा द्वारा दिए गए कथित नफरत भरे भाषणों की रिकॉर्डिंग और प्रतिलिपि की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें। इस मामले में अगर कोई एफआईआर दर्ज की गई है, तो उसकी जानकारी अदालत अगली सुनवाई के दौरान दें।

अदालत ने पुलिस को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि 17 अप्रैल को रामनवमी पर कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं होगा और कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़ेगी। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि 17 अप्रैल को रामनवमी के दिन निकलने वाली रैली (शोभा यात्रा) के दिन सांप्रदायिक हिंसा हो सकती है। खंडपीठ ने कहा कि किसी को रैली करने से रोका नहीं जा सकता है। इस साल 21 जनवरी को मीरा रोड में अल्पसंख्यक समाज के रहने वाले इलाके में एक रैली के दौरान हिंसा भड़की थी, जो मुंबई में भी फैल गई थी। इसके बाद नितेश राणे, गीता जैन और टी.राजा ने मीरा रोड में रैली कर कथित नफरत फैलाने वाले भाषण दिए थे।

Created On :   8 April 2024 10:08 PM IST

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