वायु प्रदूषण का मामला: हाईकोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण के तीन सदस्यीय मॉनिटरिंग कमेटी के गठन का दिया निर्देश

हाईकोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण के तीन सदस्यीय मॉनिटरिंग कमेटी के गठन का दिया निर्देश
  • सेवानिवृत्त प्रधान सचिव और मुंबई आईआईटी के प्रोफेसर कमेटी के होंगे सदस्य
  • अदालत ने पटाखे फोड़ने की समय-सीमा घटाई
  • अब दिवाली पर लोगों को दो घंटे पटाखे फोड़ने की इजाजत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) क्षेत्र के शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर का निरीक्षण करने के लिए तीन सदस्यों की एक समिति बनाने का आदेश दिया है। इस समिति में सेवानिवृत्त प्रधान सचिव, मुंबई आईआईटी के प्रोफेसर और विशेषज्ञ प्रमुख होंगे। अदालत ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को समिति को पूरी तरह से सहायता प्रदान करनी चाहिए। मामले में 11 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी.

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जी.एस.कुलकर्णी की खंडपीठ ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण के स्तर का निरीक्षण करने के लिए तीन सदस्यों की एक समिति बनाने का आदेश दिया। इस समिति को एमएमआर क्षेत्र के सभी महानगर पालिका और नगर पालिका उसे दैनिक रिपोर्ट देंगे और वह अदालत को साप्ताहिक रिपोर्ट सौंपेगी।

खंडपीठ ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए अपने पहले के आदेश में संशोधन करते हुए दिवाली के दौरान पटाखे की समय सीमा एक घंटे घटा दिया। अब लोगों को दिवाली के दिन केवल रात 8 से 10 बजे के बीच ही पटाखे फोड़ने की अनुमति है। इस दौरान न्यायमूर्ति उपाध्याय कहा कि हम दिल्ली न बनें. आइए मुंबई वासी बने रहें। शहर के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब बना हुआ है। हम एक आपातकालीन और गंभीर स्थिति में हैं। बहुत सारे प्रयास किए गए हैं, लेकिन शायद कुछ और करने की जरूरत है। खंडपीठ ने कहा कि वह अपने 6 नवंबर के आदेश को संशोधित कर रही है। अब पटाखे फोड़ने का समय रात 8 बजे से 10 बजे तक सीमित रहेगा। अदालत ने कहा कि निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों को पूरी तरह से ढके होने पर ही चलने की अनुमति दी गई थी।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है। ईमानदार प्रयासों और शहर में एक्यूआई का स्तर संतोषजनक स्तर पर पहुंच गया है। खंडपीठ ने टिप्पणी की कि ऐसा इस सप्ताह के शुरू में शहर के कुछ हिस्सों में हुई बारिश के कारण हुआ। बारिश के लिए धन्यवाद। अदालत ने यह भी कहा कि सरकार और बीएमसी जो कुछ भी कर रहे हैं। वह काफी अच्छा है, लेकिन आप किसी पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं. यह आप का कर्तव्य है।

बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मिलिंद साठे ने कहा कि बीएमसी मार्च 2023 के वायु प्रदूषण को लेकर जारी दिशानिर्देशों को लागू कर रहा है। बीएमसी के उड़न दस्तों ने अब तक 1623 निर्माण स्थलों का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि अन्य साइटों, जिनमें से 1065 को प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों और दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने के लिए नोटिस जारी किया गया था।

Created On :   10 Nov 2023 10:00 PM IST

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