गौतम नवलखा के आतंकवादियों से संबंध नहीं, बांबे हाईकोर्ट में वकील ने दी दलील

गौतम नवलखा के आतंकवादियों से संबंध नहीं, बांबे हाईकोर्ट में वकील ने दी दलील
  • वकील की दलील
  • गौतम नवलखा के आतंकवादियों से संबंध नहीं
  • माओवादिओं और विदेशी आतंकवादी से संबंधों का आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एल्गार परिषद मामले में आरोपी गौतम नवलखा के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का एक भी सबूत नहीं है। जिन धाराओं के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, उन्ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत नवलखा पर मामला दर्ज करना काफी चिंता जनक है। यूएपीए में कम से कम 10 साल की सजा या आजीवन कारावास हो सकती है। शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में नवलखा का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील युग मोहित चौधरी ने यह दलील दी। इस मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को रखी गई है।

न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति एस.जी.डिगे की खंडपीठ समक्ष शुक्रवार को वकील युग मोहित चौधरी की नवलखा की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। शुक्रवार को दूसरे दिन भी याचिकाकर्ता के वकील चौधरी ने अपनी दलील में कहा कि नवलखा का दोस्त से मिलने के सिलसिले में पाकिस्तान जाना क्या आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने है? राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा नवलखा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई जनरल से मिलवाने के आरोप लगाया है।

इस पर चौधरी ने कहा कि इस तरह के गंभीर आरोप के लिए एनआईए ने इंटरनेट से दस्तावेज डाउनलोड किए हैं। इसे साबित करने के लिए गवाह के बयान लिए गए हैं। एनआईए ने नवलखा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए उनकी अमेरिका की तीन यात्राओं और गुलाम नबी फई के साथ बातचीत का हवाला दिया है, जिन्हें एफबीआई ने आईएसआई और पाकिस्तानी सरकार से धन स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।नवलखा पिछले साढ़े तीन साल तक जेल में बंद रहे। फिलहाल उन्हें खर में नजरबंद रखा गया है। चौधरी ने कहा कि आतंकवादी संगठन या इसकी साजिश रचने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए, साजिश होनी चाहिए, लेकिन किसी हिंसा के बिना इस तरह के मामले में आरोपित नहीं किया जा सकता है। आतंकवादी कृत्य, हिंसा का कार्य यूएपीए की इस धारा के मूल में है।

इसके अलावा चौधरी ने नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक अन्य आरोपी प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे को दी गई जमानत का भी हवाला दिया, जिसमें बताया गया कि खंडपीठ द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को सह-आरोपी वर्नोन गोंसाल्वेस के हालिया जमानत आदेशों में लागू किया गया है।

Created On :   4 Aug 2023 9:45 PM IST

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