बड़ा निशाना: गणेश हाके ने कहा - राकांपा अजित गुट से गठबंधन भाजपा का दुर्भाग्य, रास नहीं आया

गणेश हाके ने कहा - राकांपा अजित गुट से गठबंधन भाजपा का दुर्भाग्य, रास नहीं आया
  • भाजपा प्रवक्ता बोले- अजित पवार के साथ गठजोड़ न उन्हें रास आया और न हमें
  • अजित पवार बोले- हमारे कार्यकर्ता भी बयानबाजी कर सकते हैं
  • मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया- सावंत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सत्तारूढ़ महायुति के घटक दल शिवसेना (शिंदे) के बाद अब भाजपा में राकांपा (अजित) से गठबंधन को लेकर नाराजगी समाने आई है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता गणेश हाके को राकांपा (अजित) के साथ गठबंधन पसंद नहीं आ रहा है। हाके ने कहा कि भाजपा का दुर्भाग्य है कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राकांपा (अजित) के साथ गठबंधन है। हाके के बयान को लेकर राकांपा (अजित) के अध्यक्ष तथा उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पलटवार करते हुए भाजपा को चेताया है। लातूर के एक बैठक में हाके ने कहा कि साल 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए दुर्भाग्य से भाजपा का राकांपा (अजित) के साथ गठबंधन है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह गठबंधन न तो राकांपा (अजित) को रास आया है और न ही भाजपा को ठीक लगा है।

भाजपा और राकांपा (अजित) का गठबंधन असंगत से संगत करने जैसे है। हाके ने कहा कि लोकसभा चुनाव में लातूर सीट पर राकांपा (अजित) ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। राकांपा (अजित) के लोगों ने भाजपा के उम्मीदवार सुधाकर श्रंगारे को हराने का काम किया था। अब राकांपा (अजित) के लोग भाजपा से गठबंधन का पालन करने की उम्मीद कैसे कर रहे हैं? हाके ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता भूलकर भी राकांपा (अजित) के लोगों के दरवाजे पर पांच रुपए की भीख मांगने नहीं जाते। क्योंकि भाजपा के कार्यकर्ता स्वाभिमानी होते हैं। लेकिन यदि ऐसा चलता रहा तो भाजपा के कार्यकर्ताओं पर अन्याय होगा। इस पर पलटवार करते हुए नागपुर में उपमुख्यमंत्री अजित ने कहा कि मैं हाके की टिप्पणी को गंभीरता से नहीं लेता। लेकिन सहयोगी दल के लोग इसी तरह से बोलते रहेंगे तो राकांपा (अजित) के स्थानीय नेता भी अलग-अलग बयानबाजी कर सकते हैं। अजित ने कहा कि हमारा गठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से साथ चर्चा के बाद हुआ है।

मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया- सावंत

इससे पहले शिवसेना (शिंदे) के वरिष्ठ नेता तथा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा था कि राकांपा (अजित) के मंत्रियों के साथ बैठने के कारण कैबिनेट की बैठकों से बाहर आने के बाद मुझे उल्टी होती है। शनिवार को पुणे में सावंत ने अपने विवादास्पद बयान पर सफाई दी है। सावंत ने दावा करते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैंने कांग्रेस-राकांपा के मंत्रियों के साथ बैठने पर उल्टी होने की बात कही है। लेकिन कांग्रेस-राकांपा की सरकार का नाम लिया था। साल 2022 से पहले राज्य में कांग्रेस-राकांपा (अविभाजित) और- शिवसेना (अविभाजित) की सरकार थी। मैंने उसी संदर्भ में बयान दिया था। सूत्रों के मुताबिक सावंत के बयान से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हैं। मुख्यमंत्री ने सावंत को तलब किया है।

छगन भुजबल, प्रदेश के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री के मुताबिक शिवसेना (शिंदे) और भाजपा के लोगों को अपने नेताओं को राकांपा (अजित) के खिलाफ टिप्प्पणी करने से रोकना चाहिए। महायुति में आपसी झगड़े में महाविकास आघाड़ी मजा लूटेगा। हमारे मतभेद का फायदा महाविकास आघाड़ी को होगा।



Created On :   31 Aug 2024 4:27 PM GMT

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