इधर चला मैं उधर चला: फिल्मी सितारे भी पीछे नहीं, माननीय बनने पार्टियां बदलने में नहीं करते संकोच

फिल्मी सितारे भी पीछे नहीं, माननीय बनने पार्टियां बदलने में नहीं करते संकोच
  • 2024 चुनाव में फिल्मी दुनिया के कई सितारे अपनी किस्मत आजमा रहे
  • संसद में पहुंचने के लिए फिल्मी सितारों ने भी खूब पाला बदला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार, फिल्म जगत और राजनीति का पुराना नाता रहा है। 2024 चुनाव में भी फिल्मी दुनिया के कई सितारे अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। खास बात यह कि फिल्मी सितारे भी नेताओं की तरह पाला बदलने में संकोच नहीं करते। 2024 का चुनाव हो या फिर इसके पहले के चुनाव, संसद में पहुंचने के लिए फिल्मी सितारों ने भी खूब पाला बदला है। इस सूची में ‘बिहारी बाबू’ के नाम से मशहूर फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का नाम सबसे ऊपर है।


शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी सियासी पारी भाजपा से शुरू की थी। लंबे समय तक भाजपा में रहते हुए वे वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। लेकिन 2022 में उन्होंने पार्टी बदली और इस चुनाव में वे आसनसोल से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।

योगी को टक्कर दे चुके हैं मनोज तिवारी

उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के टिकट पर तीसरी बार भाग्य आजमा रहे भोेजपुरी स्टार मनोज तिवारी शुरु से भाजपाई नहीं हैं। तिवारी ने अपनी सियासी पारी की शुरूआत 2009 में सपा से की थी। 2009 में उन्होंने गोरखपुर लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ को सपा के टिकट पर चुनौती दी थी। इसी प्रकार गोरखपुर सीट से दूसरी बार भाजपा टिकट पर मैंदान में उतरे भोजपुरी के सुपर स्टार रहे रवि किशन भी 2014 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। जौनपुर में मिली हार के बाद रवि ने 2019 में भाजपा का दामन थामा और गाेरखपुर से सांसद बने।

बीजद के टिकट पर लोकसभा में पहुंचे उड़िया सिनेमा के प्रमुख चेहरा अनुभव मोहंती का भी अपनी पार्टी से मोह भंग हो गया है। मोहंती ने भाजपा का दामन थाम लिया है ताकि ‘कमल’ के सहारे फिर से संसद में पहुंचा जा सके।


सांसद बनने को आतुर भोजपुरी के बड़े स्टार पवन सिंह को भाजपा ने 2024 चुनाव में आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन वहां विपरीत परिस्थिति भांपकर उन्होंने वहां चुनाव लड़ने से मना कर दिया। ‘माननीय’ बनने के चक्कर में पवन ने अब काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

एमजीआर ने कांग्रेस से शुरू की थी राजनीति

तमिल फिल्मों के स्टार एमजी रामचंद्रन ने भी 1953 में कांग्रेस से अपनी सियासी पारी की शुरूआत की थी। बाद में वे सीएन अन्नादुरई के कहने पर डीएमके में शामिल हो गए। 1972 में उन्होंने अन्नाडीएमके बनाई और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने।


तेलुगू सुपर स्टार चिरंजीवी ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत 2008 में प्रजा राज्यम पार्टी बनाकर की थी। लेकिन 2011 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया। फिर वे केन्द्र में पर्यटन मंत्री भी बने।

चार-चार पार्टियां बदल चुकी हैं जया प्रदा

बॉलीवुड अभिनेत्री जया प्रदा सबसे पहले टीडीपी से 1996 में राज्यसभा में पहुंची। इसके बाद वह सपा के टिकट पर दो बार लोकसभा में पहुंची। फिर अमर सिंह की नवगठित पार्टी से चुनाव लड़ा और आखिरकार 2019 में भाजपा का दामन थाम लिया।


अभिनेता राज बब्बर ने भी पार्टी बदलने में संकोच नहीं किया। सबसे पहले उन्होंने 1989 में जनता दल ज्वाइन किया। फिर सपा का दामन थामकर संसद पहुंचे तो 2008 में कांग्रेस का ‘हाथ’ थामकर 2009 में लोकसभा पहुंचे।

टीएमसी के बाद भगवाधारी हुए ‘डिस्को डांसर’

फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने 2019 में कांग्रेस टिकट पर मुंबई से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन हार गई। निराश होकर उन्होंने बाद में शिवसेना का दामन थाम लिया।


‘डिस्को डांसर’ मिथुन चक्रवर्ती भी शुरूआत में पश्चिम बंगाल की वाममोर्चा सरकार के फंडरेजर बने थे। उसके बाद वे टीएमसी के हुए और राज्यसभा में पहुंचे तो 2021 में मिथुन भगवाधारी हो चुके हैं। मेरठ से भाजपा के मौजूदा उम्मीदवार अरूण गोविल 1987 में कांग्रेस के लिए प्रचार कर चुके हैं।

Created On :   15 April 2024 8:40 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story