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गणेशोत्सव से शुरू होगा फेस्टिव सीजन, उपभोक्ता के लिए राहत के संकेत
- खाद्य तेलों का आयात बढ़ा
- त्योहारी मौसम में स्थिर रहेगा भाव
डिजिटल डेस्क, मुंबई, शैलेश तिवारी। दाल और अनाज की महंगाई से जूझ रहे आम लोगों के लिए अच्छे संकेत हैं। सब कुछ ठीक रहा तो गणेशोत्सव से शुरू हो रहे त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों को भाव स्थिर रहेगा। फेस्टिव सीजन की मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में विदेश से खाद्य तेल आयात किया गया है। अच्छी बात यह कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के भाव पिछले साल के मुकाबले कम हैं।
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कि अक्टूबर में समाप्त हो रहे तेल-तिलहन वर्ष में पाम तेल का आयात पिछले साल के मुकाबले 26% बढ़ सकता है। चालू साल में पाम तेल आयात रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि कमजोर मानसून की वजह से खरीफ की तिलहनी फसलें प्रभावित हुई हैं। बावजूद इसके खाद्य तेलों में उछाल की गुंजाइश नहीं है।
सूरजमुखी तेल आयात 44% बढ़ा
महासंघ अध्यक्ष ने बताया कि सूरजमुखी तेल सोया तेल से सस्ता है। इस साल इसका आयात पिछले साल के मुकाबले 44% बढ़ कर रिकॉर्ड 28 लाख टन तक पहुंच सकता है। सोया तेल आयात 37 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत कम होगा।
10 महीने में 1.40 करोड़ टन तेल आया
इस वर्ष 10 महीने में विदेश से 1.40 करोड़ टन खाद्य तेल आयात किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा 82 लाख टन पाम तेल शामिल है। सोया तेल 32 लाख टन और सूरजमुखी तेल 25 लाख टन आयात किया गया है।
5% तक बढ़ेगी खपत
महासंघ के महामंत्री तरुण जैन ने कहा कि इस वर्ष खाद्य तेलों की खपत 3 से 5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। बीते दो साल के दौरान खाद्य तेलों का भाव उछला था। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम तेल खरीदता है, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से सोया तेल और सूरजमुखी तेल आयात करता है।
Created On :   7 Sept 2023 8:38 PM IST