पिछले आंकड़े: पढ़े-लिखे मतदाता भी मतदान में फिसड्डी, साल 2018 में इस सीट पर हुआ था केवल 52.81 प्रतिशत मतदान

पढ़े-लिखे मतदाता भी मतदान में फिसड्डी, साल 2018 में इस सीट पर हुआ था केवल 52.81 प्रतिशत मतदान
  • साल 2018 में मुंबई स्नातक सीट पर केवल 52.81 प्रतिशत हुआ था मतदान
  • हर बार मतदाता सूची में दर्ज कराने में होती है परेशानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार. चुनाव आयोग की लाख कोशिशों के बावजूद इस लोकसभा चुनाव में मुंबई और आसपास के इलाकों में मतदान का प्रतिशत नहीं बढ़ा। आम मतदाताओं की छोड़िए पढ़े लिखे मतदाता भी मतदान में पीछे रहते हैं। हम बात कर रहे हैं, स्नातक चुनाव क्षेत्रों के मतदान की। इस चुनाव के सारे मतदाता उच्च शिक्षित यानि स्नातक होत हैं। इसके बावजूद मुंबई में इस चुनाव में भी मतदान की हालत कमोवेश आम चुनावों जैसी ही रहती है। विधान परिषद की मुंबई स्नातक सीट, कोंकण विभाग स्नातक सीट, मुंबई शिक्षक सीट और नाशिक विभाग शिक्षक सीट पर 26 जून को मतदान होगा। इसमें दो सीटों पर स्नातक मतदाता और दो सीटों पर शिक्षक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। मुंबई स्नातक सीट पर 1,16,923, कोंकण विभाग स्नातक सीट पर 2,13,917, मुंबई शिक्षक सीट पर 15,919 और नाशिक विभाग शिक्षक सीट पर 66,557 मतदाता हैं। लेकिन इस चुनाव में सभी दलों को मतदान प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती होगी। क्योंकि साल 2018 में विधान परिषद की स्नातक और शिक्षक कोटे की इन चारों सीटों के चुनाव में मतदान के लिए मतदाताओं का रुझान कम देखने को मिला था।

साल 2018 में मुंबई स्नातक सीट पर कुल 70,513 मतदाता थे। जिसमें से 37,237 मतदाताओं ने मतदान किया था। मुंबई स्नातक सीट पर 52.81 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। मुंबई स्नातक सीट पर शिवसेना (अविभाजित) के विलास पोतनीस ने भाजपा के उम्मीदवार अमित कुमार मेहता को हराया था। जबकि कोंकण विभाग स्नातक सीट पर 1,04,488 में से 75,439 मतदाताओं ने मतदान किया था। कोंकण विभाग स्नातक सीट पर 72.19 प्रतिशत मतदान हुआ था। कोंकण विभाग स्नातक सीट पर भाजपा के उम्मीदवार निरंजन डावखरे ने शिवसेना (अविभाजित) के प्रत्याशी संजय मोरे को हराया था। जबकि मुंबई शिक्षक सीट पर 10,170 में से 8,353 मतदाताओं ने मतदान किया था। मुंबई शिक्षक सीट पर 82.13 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। मुंबई शिक्षक सीट पर लोकभारती के उम्मीदवार कपिल पाटील ने शिवसेना (अविभाजित) के शिवाजी शेंडगे को हराया था। जबकि नाशिक विभाग स्नातक सीट पर 53,892 मतदाताओं में से 49742 वोटरों ने मतदान किया था। नाशिक विभाग स्नातक सीट पर 92.30 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। नाशिक विभाग स्नातक सीट पर शिवसेना (अविभाजित) समर्थित निर्दलीय किशोर दराडे ने कांग्रेस-राकांपा (आघाड़ी) के प्रत्याशी संदीप बेडसे को पराजित किया था।

मतदान के लिए समय बढ़ाने की मांग

सूत्रों के मुताबिक राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस चोक्कलिंगम के साथ हुई बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मतदान का समय बढ़ाने की मांग की है। इसके मद्देनजर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से मतदान के समय की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखा जाएगा। फिलहाल 26 जून को सुबह 8 से शाम 4 बजे तक मतदान का समय निर्धारित किया गया है। विधान परिषद की चारों सीटों का नतीजा 1 जुलाई को घोषित किया जाएगा।

हर बार मतदाता सूची में दर्ज कराने में होती है परेशानी

आम चुनाव वाली मतदाता सूची में एक बार नाम दर्ज कराने के बाद मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है पर स्नातक चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं को हर चुनाव के पहले स्नातक मतदाता बनने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। इससे बहुत से स्नातक कभी मतदाता बन ही नहीं पाते। कालिना में रहने वाले देवेंद्र कुमार ने बताया कि मैंने सालों पहले एक बार स्नातक मतदाता बनने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था और मतदान भी किया था पर उसके बार फिर से रजिस्ट्रेशन कराने नहीं जा सका और पिछले 10 वर्ष से स्नातक चुनाव क्षेत्र के लिए मतदान नहीं कर सका। कुमार कहते हैं कि आम चुनाव की तरह इसमें भी यह व्यवस्था होनी चाहिए कि एक बार मतदाता बनने के बाद स्नातक मतदाता सूची में हमेशा के लिए नाम दर्ज हो जाए।

Created On :   30 May 2024 4:17 PM GMT

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