मुंबई: रेलवे को जमीन के जरिए पांच हजार करोड़ के राजस्व का अनुमान, पट्टे पर दी जाएगी

रेलवे को जमीन के जरिए पांच हजार करोड़ के राजस्व का अनुमान, पट्टे पर दी जाएगी
  • व्यावसायिक और आवासीय इस्तेमाल के लिए रेलवे पट्टे पर देगी जमीन
  • आरएलडीए ने देश भर में की 341.93 हेक्टेयर भूमि की पहचान
  • मुंबई में 12 स्थान पर 110. 46 हेक्टेयर जमीन
  • धारावी पुनर्विकास परियोजना भी है शामिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता। रेलवे अपने स्वामित्व वाली जमीनों को आमदनी का नया स्रोत बनाने जा रही है। इसके लिए रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) ने देश में 341.93 हेक्टेयर भूमि की पहचान की है। जिसमें मुंबई की 110.46 हे. भूमि का समावेश है। इस पूरी जमीन को रेलवे 45 और 90 साल के लिए पट्टे पर देगी, जिससे 5 हजार करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित करने की उम्मीद है। आरएलडीए के देशव्यापी सर्वे की रिपोर्ट में मुंबई, दिल्ली के अलावा बेंगलुरू, सिकंदराबाद, चेन्नई, अमृतसर, ग्वालियर, हैदराबाद, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में उसके स्वामित्ववाली जमीनें हैं, जिन्हें व्यावसायिक और निवासी परियोजनाओं के लिए पट्टे (लीज) पर दिया जाएगा। पट्टा अवधि 45 साल और 90 साल की कालावधि का होगा। बता दें कि देश में रेलवे 4.80 लाख हेक्टेयर (साल 2022 तक) में फैली हुई है। इस रिपोर्ट में एक और बात सामने आई कि रेलवे के पास लगभग 43 हजार हेक्टेयर खाली भूमि है, जिसकी निकट भविष्य में परिचालन के लिए आवश्यकता नहीं है। इस आधार पर आरएलडीए ने 341.93 हेक्टेयर की पहचान की और उसे पट्टे पर इस्तेमाल के लिए देने की मंजूरी दी है। हालांकि रेलवे के इस फैसले का रेलवे यूनियन विरोध कर रही है।

मुंबई के न्यू हाई पोटेंशियल जोन

मध्य और पश्चिम रेलवे के 110.46 हेक्टेयर भूमि में लगभग 12 स्थानों की पहचान की है। इन्हें न्यू हाई पोटेंशियल क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। जिसमें ग्रांट रोड, ताड़देव, बांद्रा (पूर्व और पश्चिम), महालक्ष्मी, परेल, खार, जोगेश्वरी और ओशिवरा, सीएसएमटी, वाडीबंदर, कुर्ला कारशेड और लोकमान्य तिलक टर्मिनस का क्षेत्र है। जिसे आवासीय और वाणिज्यिक विकास के लिए लीज (पट्टा) पर देकर राजस्व अर्जित किया जा सकता है। जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है।

चिन्हित भूमि और उसका विकास

सूत्रों के अनुसार आरएलडीए रिपोर्ट में रेलवे की कई जमीनें हैं, जिसे विकास परियोजनाओं के लिए दिए जाने का उल्लेख किया गया है।

- माहिम, माटुंगा और दादर की 47.5 एकड़ भूमि धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) के लिए हस्तांतरित कर दी

- परेल में रेलवे की भूमि 135 मंजिला गगनचुंबी इमारत के लिए दी जा सकती है।

- महालक्ष्मी रेस कोर्स के सामने 1.08 हेक्टेयर खाली भूमि का हो सकता है निजी क्षेत्र के लिए विकास

- ग्रांट रोड में मौजूदा 1 हेक्टेयर भूमि जहां पार्सल डिपो है उसे वाणिज्यिक स्थान या होटल के लिए उपयुक्त बताया गया

- बांद्रा (वेस्ट) में 3.5 हेक्टेयर भूमि और खार में 3 हेक्टेयर भूमि पर 50 मीटर ऊंचे प्रीमियम आवासीय भवन के विकास की क्षमता जताई गई है।

- कर्नाक बंदर में 6 हेक्टेयर और वाडी बंदर में 21 हेक्टेयर भूमि वाणिज्यिक और प्रीमियम आवास परियोजनाओं के लिए दिया जा सकता है।

Created On :   3 April 2024 5:24 PM IST

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