भास्कर इम्पैक्ट: डॉक्टर और नर्सों की नहीं लगेगी चुनावी ड्यूटी, जिलाधिकारी ने मंगाई सूची

डॉक्टर और नर्सों की नहीं लगेगी चुनावी ड्यूटी, जिलाधिकारी ने मंगाई सूची
  • डॉक्टर और नर्सों की नहीं लगेगी चुनावी ड्यूटी
  • 500 डॉक्टर और 1067 नर्सों को मिला था ड्यूटी पत्र
  • मेडिकल कॉलेजों ने लिखा था जिलाधिकारी को पत्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई. लोकसभा चुनाव कार्य के लिए इस बार डॉक्टर और नर्सों को लगाए जाने के मुद्दे पर मचे हंगामे के बाद उन्हें चुनावी ड्यूटी से अलग करने का निर्णय जिलाधिकारी ने लिया है। इसके लिए मनपा और सरकारी अस्पतालों से अत्यावश्यक सेवा में शामिल डॉक्टर और नर्सो की सूची मंगाई जा रही है। मुंबई मनपा और राज्य सरकार के अधीन आनेवाले अस्पतालों के डीन से लेकर एकेडमिक डीन, एसोसिएट प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर, विभागों के प्रमुख डॉक्टर ऐसे कुल 500 से अधिक डॉक्टर और 1067 नर्सों को बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय से चुनावी ड्यूटी के लिए पत्र मिला था। इस पत्र को लेकर डॉक्टर और नर्सों में नाराजगी थी। इस मुद्दे पर दैनिक भास्कर ने गुरुवार को "506 डॉक्टर चुनावी ड्यूटी पर, कैसे होगा मरीजों का इलाज’ इस शीर्षक के तहत खबर प्रकाशित की थी। आखिरकार शहर और उपनगर जिला अधिकारी को उन्हें चुनावी ड्यूटी से हटाने का निर्णय लेना पड़ा है।

अस्पतालों ने लिखा था पत्र

चुनावी ड्यूटी का आदेश मिलते ही अस्पतालों की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय को पत्र लिखा गया था। जेजे अस्पताल प्रशासन की ओर से चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवटकर को पत्र लिखकर डॉक्टर और नर्सों को चुनावी ड्यूटी से हटाने की विनती की गई थी। केईएम अस्पताल प्रशासन ने भी अपने 206 डॉक्टरों को चुनावी ड्यूटी पर भेजने से साफ मना कर दिया था।

क्या कहा जिलाधिकारी ने

मुंबई उपनगर के जिलाधिकारी राजेंद्र क्षीरसागर ने बताया कि मुंबई मनपा से जब चुनाव कार्य के लिए कर्मचारियों की सूची मंगाई गई थी, तब मनपा को उन कर्मचारियों का नाम हटा देना चाहिए जो आवश्यक सेवा में हैं। यदि आवश्यक सेवा कर्मियों के पास चुनाव कार्य के आदेश आए हैं तो उन्हें चुनावी ड्यूटी से मुक्त रखा जाएगा। उनके नामों की सूची अस्पतालों से मंगाई जा रही है।

पीटीए परीक्षा के दिन चुनावी ड्यूटी से शिक्षक परेशान

राज्य के सरकारी और अनुदानित स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का 4 से 6 अप्रैल के बीच प्रोग्रेसिव असेसमेंट टेस्ट (पीएटी) है। लेकिन मुंबई के शिक्षकों को इसी दौरान चुनावी ड्यूटी के प्रशिक्षण पर बुला लिया गया है। इससे सरकारी स्कूलों के मुख्याध्यापक परेशान हैं। महानगर के एक स्कूल के मुख्याध्यापक ने कहा कि हाल ही में पीएटी की तारीखों में बदलाव किया गया है लेकिन चुनाव आयोग ने पहले से ही 4 अप्रैल को मुंबई में शिक्षकों के लिए दोपहर दो बजे से पांच बजे तक चुनावी प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा है। ऐसे में अब समस्या यह है कि शिक्षक विद्यार्थियों की परीक्षा लें या खुद चुनाव से जुड़े काम का प्रशिक्षण लेने जाएं।

Created On :   28 March 2024 9:03 PM IST

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