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बॉम्बे हाईकोर्ट: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि की शिकायत पर शीघ्र निर्णय के लिए वैध अधिकार
- अदालत ने भिवंडी मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को किया रद्द
- राहुल गांधी को मानहानि की शिकायत पर शीघ्र निर्णय के लिए वैध अधिकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणियों के लिए 2014 की मानहानि की शिकायत पर गुण-दोष के आधार पर शीघ्र निर्णय आने का वैध अधिकार है। संविधान का अनुच्छेद 21 सभी के लिए त्वरित सुनवाई का अधिकार प्रदान करता है। स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई ऐसी चीज है, जो बिल्कुल आवश्यक है। न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की एकल पीठ ने राहुल गांधी की याचिका को स्वीकार करते हुए आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे को लंबित आपराधिक मानहानि शिकायत में नए और अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने की अनुमति देने वाले मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया। पीठ ने कहा कि उनके (शिकायतकर्ता) समग्र आचरण के कारण मामले को अनावश्यक रूप से विलंबित और लंबा खींचा जा रहा है।
प्रतिवादी कुंटे याचिकाकर्ता (राहुल गांधी) के वैध अधिकार को विफल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, जिससे शिकायत का यथासंभव शीघ्रता से गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जा सके। शिकायतकर्ता के आचरण को समझना कठिन है। स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत एक अनिवार्य शर्त है। यह एक सामान्य कानून है कि न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि यह भी दिखना चाहिए कि न्याय किया गया है।
2014 में राजेश कुंटे ने भिवंडी मजिस्ट्रेट की अदालत में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस नेता ने अपने भाषण के दौरान झूठे और अपमानजनक बयान दिए थे कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस जिम्मेदार है। 2023 में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी में मजिस्ट्रेट अदालत ने कुंटे को राहुल गांधी के भाषण की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने की अनुमति दी, जो 2014 में कांग्रेस नेता द्वारा दायर एक याचिका का हिस्सा थी, जिसमें उन्हें जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की गई थी। कांग्रेस नेता ने मजिस्ट्रेट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
Created On :   16 July 2024 9:11 PM IST