मराठा आरक्षण को लेकर मंत्रिमंडल दो फाड़, सेवानिवृत्ति न्यायाधीश की अध्यक्षता में सरकार गठित कर सकती है कमेटी

मराठा आरक्षण को लेकर मंत्रिमंडल दो फाड़, सेवानिवृत्ति न्यायाधीश की अध्यक्षता में सरकार गठित कर सकती है कमेटी
  • सेवानिवृत्ति न्यायाधीश की अध्यक्षता में सरकार गठित कर सकती है कमेटी
  • मराठा आरक्षण को लेकर मंत्रिमंडल दो फाड़

डिजिटल डेस्क, मुंबई सोमदत्त शर्मा। मराठा आरक्षण को लेकर पिछले कुछ दिनों से राज्य में शुरु घमासान के बीच बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहा। कैबिनेट की बैठक में मराठा आरक्षण को लेकर शिंदे सरकार के मंत्री दो धड़ों में बंटे हुए नजर आए। सूत्रों के अनुसार जैसे ही कैबिनेट की बैठक शुरू हुई ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन ने जालना में अनशन पर बैठे मनोज जरांगे-पाटील से मंगलवार को हुई मुलाकात की जानकारी दी। कुछ मंत्रियों ने जरांगे-पाटील की मांग का समर्थन करते हुए शासनादेश जारी करने की मांग की। जबकि वरिष्ठ मंत्रियों ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि जल्दबाजी में कोई फैसला लेने से सरकार को बचना चाहिए। आखिरकार मंत्रिमंडल की बैठक में मराठा आरक्षण को लेकर एकमत राय नहीं बन सकी और कोई फैसला नहीं हो सका।

उधर मनोज जरांगे-पाटिल ने सरकार से मांग की है कि वह राज्यपाल से इजाजत लेकर शासनादेश जारी कर सकती है। पाटील ने कहा कि उनके पास मराठा आरक्षण से संबंधित ढेर सारे कागजात हैं और वह सरकार को देने के लिए तैयार हैं।

राज्यपाल की इजाजत से शासनादेश जारी कर सकती है सरकार-जरांगे-पाटील

दूसरी तरफ बुधवार शाम जालना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मराठा आरक्षण को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे-पाटील ने कहा कि सरकार चाहे तो एक दिन में शासनादेश निकाल सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार शासनादेश जारी नहीं कर सकती लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि राज्यपाल की इजाजत लेकर सरकार शासनादेश जारी कर सकती है। इसके लिए विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की भी जरूरत नहीं है। जरांगे-पाटील ने कहा कि सरकार को हैदराबाद जाने की जरूरत नहीं है मराठा आरक्षण से संबंधित रिक्शाभर कागजात मेरे पास है और उसी के आधार पर सरकार आदेश जारी कर सकती है।

सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित कर सकती है सरकार

खबर है कि सरकार सेवानिवृत्ति न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने पर विचार कर रही है। इस समिति में 5 से 6 लोगों को शामिल किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि यह समिति मराठा आरक्षण को लेकरविस्तार से अध्ययन करने के बाद अगले कुछ दिनों में सरकार को रिपोर्ट सौंप सकती है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पर्यटन मंत्री महाजन ने कहा कि दो-तीन दिनों का समय काफी कम है। सरकार को कम से कम एक महीने का समय मिलना चाहिए, जिसके जरिए आरक्षण की प्रक्रिया पर ठीक तरह से कार्य किया जा सके।

राज्यपाल से मिले उद्धव गुट के नेता

अंबादास दानवे, विपक्ष नेता, महाराष्ट्र विधान परिषद के मुताबिक इस बीच जालना में अनशन पर बैठे लोगों पर हुए लाठी चार्ज के विरोध में शिवसेना (उद्धव) के नेता बुधवार को राज्यपाल रमेश बैस से मिले। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल रमेश बैस से लाठीचार्ज का आदेश देने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।

आदित्य ठाकरे, विधायक, शिवसेना (उद्धव) के मुताबिक जालना में मराठा आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे लोगों पर लाठीचार्ज की जिम्मेदारी कौन लेगा यह फिलहाल नहीं दिख रहा है। सरकार को जल्द से जल्द लाठीचार्ज का आदेश देने वाले के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। आंदोलन कर रहे लोगों पर दुश्मनों की तरह से लाठीचार्ज किया गया

नाना पटोले, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मराठा आरक्षण के लिए जालना में अनशन कर रहे होते तो क्या फडणवीस आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश देते। अनशनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश मुंबई में चल रही इंडिया की बैठक से ध्यान भटकाने के लिए किया गया था। उसके लिए देवेंद्र फडणवीस माफी भी मांग चुके हैं।


Created On :   6 Sept 2023 9:57 PM IST

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