बीएमसी: फुटपाथ पर दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बाधा बोलार्ड को जल्द हटाएगी बीएमसी

फुटपाथ पर दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बाधा बोलार्ड को जल्द हटाएगी बीएमसी
  • बीएमसी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बोलार्ड हटाने की बात कही
  • अदालत ने एमएसआरडीसी और एमएमआरडीए को बोलार्ड हटाने को लेकर एक महीने में हलफनामा दाखिल करने का भी दिया निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई. महानगर पालिका (बीएमसी) ने बुधवार को हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर फुटपाथ पर दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बाधा बोलार्ड को 3 महीने के भीतर हटा देने की बात कही। अदालत ने बीएमसी के अलावा मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) को उनके रख रखाव वाली सड़कों से बोलार्ड हटाने को लेकर एक महीने हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया था। 12 मार्च को जनहित याचिका पर अगली सुनवाई करेगी.

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को बोलार्ड के कारण फुटपाथों पर दिव्यांग व्यक्तियों को चलने में परेशानी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान बीएमसी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अनिल सिंह ने कहा कि बीएमसी के सभी 24 वार्डों का सर्वे पूरा हो गया है और दिव्यांगों की बाधा दूर करने के लिए सभी अधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है. व्हीलचेयर के लिए बोलार्ड के बीच एक निश्चित दूरी होनी चाहिए। उन्होंने खंडपीठ से इसमें सुधार के लिए बीएमसी को 3 महीने का समय देने का अनुरोध किया।

पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने बीएमसी की आलोचना करते हुए सवाल पूछा था कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बाधा बने फुटपाथ पर बोलार्ड लगाते समय अधिकारी कैसे लापरवाह हो सकते हैं?

एमिकस क्यूरी वकील जमशेद मिस्त्री ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 के तहत राज्य सरकार को एक सलाहकार बोर्ड का गठन करना चाहिए। सरकार फुटपाथों पर दिव्यांग व्यक्तियों की पहुंच के लिए सलाहकार बोर्ड द्वारा उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराए।

अदालत ने सरकारी वकील से पूछा कि क्या धारा 66 के संदर्भ में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राज्य सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया है और यदि हां, तो क्या बोर्ड ने मुंबई में फुटपाथ पर विकलांगों की आसान पहुंच के लिए कोई कदम उठाया है। वरिष्ठ वकील अनिल सिंह ने कहा कि बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में कुछ सड़कों का रखरखाव एमएमआरडीए और एमएसआरडीसी द्वारा किया जाता है। अदालत ने एमएमआरडीए और एमएसआरडीसी को भी बोलार्ड हटाने के लिए एक महीने के भीतर निर्देश मांगने और हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

Created On :   7 Feb 2024 8:23 PM IST

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