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बॉम्बे हाईकोर्ट: 2010 के पुणे जर्मन बेकरी बम ब्लास्ट मामले में एटीएस को लगा झटका
- आरोपी मिर्जा हिमायत बेग को 13 साल बाद मिली जमानत
- 19 दिसंबर को अदालत ने फैसला रखा था सुरक्षित
- जर्मन बेकरी बम ब्लास्ट मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट से पुणे जर्मन बेकरी बम विस्फोट मामले में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को झटका लगा है। अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में गिरफ्तार मिर्जा हिमायत बेग को 13 साल बाद जमानत दे दी। 13 फरवरी 2010 को पुणे के कोरेगांव पार्क में फेमस रेस्टोरेंट जर्मन बेकरी में विस्फोट में 5 विदेशी नागरिकों सहित 17 लोग मारे गए थे।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी वी.गोडसे की खंडपीठ ने मिर्जा हिमायत बेग की याचिका पर पिछले साल 19 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाया और बेग को जमानत दे दिया। वह इस समय नासिक सेंट्रल जेल में बंद है। बेग ने निचली अदालत की जमानत खारिज किए जाने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। खंडपीठ ने बेग की अपील स्वीकार कर ली और उन्हें एक लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर रिहा करने का निर्देश दिया है।
खंडपीठ ने उन्हें हर महीने के दूसरे शनिवार को एटीएस (नासिक) को रिपोर्ट करने और नासिक में ट्रायल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ने के लिए भी कहा है। एटीएस 7 सितंबर 2010 को बेग को गिरफ्तार किया था। उदगीर में बेग के आवास से लगभग 1.2 किलोग्राम आरडीएक्स बरामद किया गया था। हाई कोर्ट ने 2016 में बेग को आतंकी आरोपों से बरी कर दिया था। साल 2013 में पुणे सत्र अदालत ने बेग मौत की सजा दी थी। हालांकि हाई कोर्ट ने उसे विस्फोटक रखने के आरोप में दोषी पाया था और आजीवन कारावास की पुष्टि की थी।
बेग की ओर से वकील मुबीन सोलकर ने दलील दी थी कि उनका मुवक्किल 13 साल से अधिक समय से जेल में बंद था। बेग पर आरोप अध्ययन करने वाले दो गवाहों के बयानों पर निर्भर था। गवाहों ने दावा किया था कि घटना से चार साल पहले दिसंबर 2006 में एक बैठक हुई थी, जहां बेग ने कथित तौर पर उन्हें लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) में शामिल होने के लिए उकसाया था।
एटीएस की ओर से पेश सरकारी वकील पी.पी.शिंदे ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी कि बेग ने कुछ युवकों को पाकिस्तान आतंकी ट्रेनिंग के लिए भेजा था। एटीएस ने 4 दिसंबर 2010 को जांच के बाद बेग समेत अन्य 6 आरोपियों जबीउद्दीन अंसारी, फैयाज कागजी, यासीन भटकल, इकबाल, रियाज भटकल और मोहसिन चौधरी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
Created On :   5 Jan 2024 9:40 PM IST