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चर्चा: सरकारी अस्पताल के सुपरिटेंडेंट की नियुक्ति अब चिकित्सा शिक्षा मंत्री के जिम्मे
- पहले डीन को था चयन का अधिकार
- नियुक्तियों को लेकर शिकायतों के मद्देनजर निर्णय
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पताल महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन अस्पतालों में चिकित्सा अधीक्षक (मेडिकल सुपरिटेंडेट) का पद अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री द्वारा भरा जाएगा। इस निर्णय से मेडिकल कॉलेजों में यह चर्चा है कि अब चिकित्सा अधीक्षक पद पर अस्पताल के डीन का पसंदीदा डॉक्टर नहीं बैठ पाएगा। माना जा रहा है कि यह निर्णय नियुक्तियों को लेकर आ रही शिकायतों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
पिछले कई वर्षों से चिकित्सा अधीक्षक का पद अस्पताल के डीन की मर्जी से भरा जाता रहा है। इस पद पर उन डॉक्टरों को चयनित किया जाता था जो एसोसिएट या सहायक प्रोफेसर थे और डीन के करीबी भी माने जाते थे। हालांकि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नियमों के अनुसार, चिकित्सा अधीक्षक का पद प्रोफेसर स्तर के शिक्षक को दिया जाना अनिवार्य है। लेकिन नियुक्ति में इन नियमों की अनदेखी की जाती रही है।
इस नियुक्ति के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग से अनुमति भी नहीं ली जाती रही है। इसकी कई शिकायतें चिकित्सा शिक्षा मंत्री को भी मिल चुकी है।चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चिकित्सा अधीक्षक का पद ‘ए' श्रेणी के अधीन आता है। इसलिए इस पद की नियुक्ति शासन स्तर पर होना चाहिए। इसे ध्यान में रखकर ही अब अधीक्षक के पद पर नियुक्ति चिकित्सा शिक्षा विभाग यानी इस विभाग के मंत्री कार्यालय की देखरेख में की जाएगी।
डीन को किया गया है सूचित
राज्य में 25 मेडिकल कॉलेज हैं। इन सभी कॉलेजों के डीन को इस फैसले कीजानकारी दी जा चुकी है। अब अधीक्षक पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव चिकित्सीय शिक्षा विभाग के आयुक्त के माध्यम से शासन को सौंपा जाएगा।
ये है जिम्मेदारी
अस्पताल में डीन के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद अधीक्षक का होता है। अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में अस्पताल की सारी जिम्मेदारी अधीक्षक के पास होती है। अधीक्षक अस्पताल के प्रबंधन, मरीज प्रबंधन प्रणाली, अस्पताल क्षेत्र में संपूर्ण चिकित्सा प्रणाली, रोगी से संबंधित सभी चीजों और अस्पताल में वार्डों के सभी मुद्दों की देखभाल करता है। अस्पताल में आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों की जिम्मेदारी अधीक्षक कार्यालय की होती है।
एक अधीक्षक के अधीन कई मेडिकल अफसर
अस्पताल का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल अफसर नियुक्त किए जाते हैं। यह सभी मेडिकल अफसर अधीक्षक के निर्देशानुसार कार्य करते हैं। एक मेडिकल अफसर आपातकालीन विभाग में तीन शिफ्टों में काम करता है। ये अफसर अक्सर अस्पताल में आने वाले किसी अति महत्वपूर्ण व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच करने का काम करते पाए गए हैं।
Created On :   29 May 2024 3:07 PM GMT