सुविधा: चुनावी झटके ने बदल दी रेलवे की प्राथमिकताएं, अब आम आदमी का खास ख्याल

चुनावी झटके ने बदल दी रेलवे की प्राथमिकताएं, अब आम आदमी का खास ख्याल
  • 95.3 फीसदी यात्री स्लीपर और साधारण कोच से करते हैं सफर
  • बदला लक्ष्य तो कोर यात्रियों को मिली प्रथमिकता
  • एसी कोच से सिर्फ 4.7 फीसदी यात्री ही सफर करते

सुजीत गुप्ता। मुंबई । बीते लोकसभा चुनाव परिणाम ने नई सरकार के कामकाज को प्रभावित किया है। चुनाव में केंद्र सरकार को मिले झटके बाद इस सरकार की प्राथमिकताएं बदली हैं। लोकसभा चुनाव के पहले भारतीय रेलवे का जहां प्रीमियम यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने पर जोर था, वहीं लोकसभा चुनाव के बाद अब रेलवे की प्राथमिकताएं बदल गई हैं। इस साल फरवरी महीने में रेलवे ने साल 2024-25 के लिए स्लीपर और साधारण कोचों का उत्पादन घटाकर एसी-3 टीयर व एसी इकोनॉमी के डिब्बों का उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद अब रेलवे ने अपनी पहले की योजनाओं को ठंडे बस्ते में डालते हुए स्लीपर कोच का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। रेलवे के एसी कोच से सिर्फ 4.7 फीसदी यात्री ही सफर करते हैं जबकि कुल यात्रियों का 95.3 फीसदी स्लीपर या साधारणकोच से यात्रा करते हैं।

रेलवे ने समर सीजन में आम यात्रियों के बजाय प्रीमियम यात्रियों पर ध्यान दिया। इस दौरान आम यात्रियों को जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ा इसका परिणाम केंद्र सरकार को लोकसभा चुनाव के परिणाम में कम सीट पाकर भुगतना पड़ा है। इसके बाद रेलवे ने अपनी गलतियों में सुधार करने की कवायद अब शुरू कर दी है। भारतीय रेलवे एसी क्लास के कोच निर्माण के बदले अब साधारण और स्लीपर क्लास के कोच बनाने पर जोर देगी। विभाग ने अब लगभग 10 हजार स्लीपर और साधारण कोच बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

साधारण और स्लीपर कोच पर लक्ष्य : थर्ड एसी और एसी 3-टियर इकोनॉमी सेगमेंट का मामला लें तो साल 2019-20 में रेलवे की तीन कोच निर्माण इकाइयों - इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (चेन्नई), रेल कोच फैक्ट्री (कपूरथला) और मॉडर्न कोच फैक्ट्री (रायबरेली) ने 2019-20 में सिर्फ 997 कोच काउत्पादन किया था। 2024-25 में इसका लक्ष्य बढ़ाकर 2,571 कोच कर दिया गया था। इसी अवधि में स्लीपर कोचों का उत्पादन 86 प्रतिशत कम करते हुए2019-20 में 1925 कोचसे 2024-25 में 278 कोच कर दिया था। लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अब रेलवे 2024 और 2025 के दौरान 10 हजार नॉन एसी कोच बनाने में तेजी लाएगा। हाल ही में रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के दौरान 10 हजार कोच को बनाने का फैसला किया है। जिसमें 5300 सेज्यादा साधारण कोच होंगे।

वित्त वर्ष 2024-25 में, रेलवे ने अमृत भारत जनरल कोच सहित 2605 जनरल कोच, अमृत भारत स्लीपर कोच सहित 1470 नॉन एसी स्लीपर, अमृत भारत एसएलआर कोच सहित 323 एसएलआर कोच, 32 उच्च क्षमता वाले पार्सल वैन और 55 पैंट्री कार बनाने की योजना नाई है। वित्त वर्ष 2025-26 में, रेलवे ने अमृत भारत जनरल कोच सहित 2710 जनरल कोच, अमृत भारत स्लीपर कोच सहित 1910 नॉन एसी स्लीपर, अमृत भारत एसएलआर कोच सहित 514 एसएलआर कोच, 200 उच्च क्षमता वाले पार्सल वैन और 110 पैंट्री कार बनाने की योजना बनाई है।

- स्लीपर/ साधारण कोच के यात्री 95.3 फीसदी यात्री

- एसी कोच के यात्री 4.7 फीसदी

हम पहले ही कह चुके हैं की आप वंदे भारत चलाएंगे और एलटीटी दरभंगा नहीं चलाएंगे तो यहीं परिणाम देखने को मिलेगा। 10 हजार कोच बनाने की योजना तो बनाई जा रही हैं लेकिन इतने कोच बनाने के लिए रेलवे के पास प्रोडक्शन यूनिट की क्षमता कहां हैं। फिलहाल रेलवे ने बहुत अच्छा फैसला लिया है। अब रेलवे अपने कोर यात्रियों की और ध्यान दे रहा है। - सुबोध जैन, पूर्व सदस्य, रेलवे बोर्ड

समर सीजन में रेलवे का ध्यान केवल प्रीमियम ट्रेन जैसे वंदे भारत ट्रेन चलाने की ओर था, ऐसे मेंसाधारण यात्रियों पर ध्यान नहीं दिया गया। लोकसभा चुनाव कापरिणाम सामने आ गया। अब सरकार को अपनी गलती का एहसास हुआ है। इसलिए एसी कोच के बजाय अब स्लीपर और साधारण कोच के निर्माण पर जोर देने की बात सरकार कर रही है। - राजीव सिंघल, सदस्य जेडआरयूसीसी, पश्चिम रेलवे


Created On :   6 July 2024 2:33 PM GMT

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