Mumbai News: पालघर- ठाणे समेत 13 जिलों में आदर्श आदिवासी गांव योजना होगी लागू, महामार्गों पर हर 25 किलोमीटर की दूरी पर बनेंगे महिलाओं के लिए शौचालय

पालघर- ठाणे समेत 13 जिलों में आदर्श आदिवासी गांव योजना होगी लागू, महामार्गों पर हर 25 किलोमीटर की दूरी पर बनेंगे महिलाओं के लिए शौचालय
  • 13 जिलों में आदर्श आदिवासी गांव योजना होगी लागू
  • राज्य के महामार्गों पर हर 25 किमी की दूरी पर बनेंगे महिलाओं के लिए शौचालय, चौथी महिला नीति में किया गया शामिल

Mumbai News. प्रदेश के पालघर, ठाणे, नंदूरबार, नाशिक समेत 13 जिलों के 59 तहसीलों में आदर्श आदिवासी गांव योजना लागू की जाएगी। इन 59 तहसीलों में कम से कम एक ग्राम पंचायत और उसके तहत आने वाले सभी गांवों और बस्तियों में यह योजना लागू की जाएगी। इसके तहत आदिवासियों के लिए शुरू व्यक्तिगत, परिवार और सामूहिक योजनाओं को एकत्रित रूप से गांवों में लागू किया जाएगा। राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन की परिकल्पना से यह योजना लागू की जा रही है। राज्य के आदिवासी विकास विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक आदर्श आदिवासी गांव योजना के लिए विभिन्न योजनाओं का अभिसरण करके निधि जुटाई जाएगी। योजना के लिए ग्राम निधि, मनरेगा निधि, वित्त आयोग, 5 प्रतिशत पेसा निधि, ठक्करबप्पा आदिवासी बस्तीसुधार कार्यक्रम, केंद्रवर्ती बजट, विधायक निधि, सांसद निधि, जिला स्तरीय सभी विभाग की निधि, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) से धनराशि जुटाई जाएगी। प्रति जिले में कम से कम एक एनजीओ को कार्यान्वयन अभिकरण के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस योजना के लिए आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी का गांव, पीएम-जनमन योजना में शामिल आदिम जनजाति गांव, आदिवासी बहुल आबादी वाली गांव, सामाजिक सुरक्षा उपक्रम की आवश्यकता वाले समेत अन्य गांव का चयन किया जाएगा।

आदिवासी मंत्री की अध्यक्षता में समिति

इस योजना के समन्वय और निगरानी के लिए राज्य के आदिवासी विकास मंत्री अशोक उईके की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। जबकि राजभवन के सचिव समिति के सह-अध्यक्ष होंगे। वहीं सरकार के 12 विभागों के सचिव सदस्य के रूप में काम करेंगे। आदिवासी विकास विभाग के सचिव विजय वाघमारे समिति के सदस्य सचिव होंगे। इस समिति को प्रत्येक तीन महीने में समीक्षा बैठक करनी होगी। इसके अलावा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यों की समिति बनाई जाएगी।

इन जिलों में लागू होगी योजना

आदर्श आदिवासी गांव योजना के पालघर, ठाणे, पुणे, नाशिक, नंदूरबार, धुलिया, जलगांव, अहिल्यानगर, नांदेड़, अमरावती, यवतमाल, गडचिरोली और चंद्रपुर जिले की 59 तहसीलों में लागू की जाएगी। पालघर और ठाणे में तहसील का चयन

आदर्श आदिवासी गांव योजना के लिए पालघर जिले में वसई तहसील के 24 गांव, पालघर तहसील के 128 गांव, डहाणु तहसील के 175 गांव, तलासरी तहसील के 175 गांव, मोखाडा तहसील 59 गांव, जव्हार तहसील 110 गांव, वाडा तहसील के 170 गांव, विक्रमगड तहसील के 49 गांव का चयन किया गया है। वहीं ठाणे के शहापुर तहसील के 231 गांव, भिवंडी तहसील के 72 गांव और मुरबाड तहसील के 77 गांव में योजना लागू की जाएगी। जबकि पुणे के जुन्नर तहसील के 65 गांव, आंबेगांव तहसील में 56 गांव का भी समावेश किया जाएगा।

राज्य के महामार्गों पर हर 25 किमी की दूरी पर बनेंगे महिलाओं के लिए शौचालय, चौथी महिला नीति में किया गया शामिल

उधर राज्य महामार्ग, राष्ट्रीय महामार्ग, समृद्धि महामार्ग और एक्सप्रेस-वे पर प्रत्येक 25 किलोमीटर की दूरी पर महिलाओं के लिए शौचालय बनाए जाएंगे। राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे ने कहा कि प्रदेश सरकार की चौथी महिला नीति में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। शौचालयों का निर्माण राज्य का सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग करेगा। जबकि, शौचालय बनाने के लिए महिला व बाल विकास विभाग समन्वयक की भूमिका निभाएगा। शौचालयों की देखभाल और प्रबंधन स्थानीय महिला बचत गट (समूह) के माध्यम से किया जाएगा। महामार्गों पर बचत गटों के विभिन्न उत्पादों की बिक्री के लिए भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। आदिति ने कहा कि महामार्गों पर महिलाओं की होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया है।

शहरी इलाकों में 55 हजार 363 सार्वजनिक शौचालय

राज्य के शहरी इलाकों में 55 हजार 663 सार्वजनिक शौचालय हैं। जबकि सामूहिक शौचालयों में 1,04,954 सीट हैं। राज्य के सभी स्थानीय निकायों में स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान शहरी 2.0 चलाया जा रहा है। यह अभियान 1 अक्टूबर 2026 तक शुरू रहेगा।

शौचालयों की कमी, मुंबईकर ही नहीं सैलानी भी होते हैं परेशान

शहर में नए शौचलयों के निर्माण के बावजूद इनकी कमी बनी हुई है। इसका परेशानी का सबसे ज्यादा सामना महिलाओं को करना पड़ता है। एक निजी संस्था प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार शहर में चार महिलाओं के लिए केवल एक टॉयलट सीट उपलब्ध है। जबकि, सार्वजनिक शौचालयों की संख्या के लिहाज से देंखे तो 720 पुरुषों और 1820 महिलाओं के लिए केवल एक सीट उपलब्ध है।

Created On :   31 March 2025 10:20 PM IST

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